चंडीगढ़: चरखीदादरी में एक निजी स्कूल की बस में शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई, लेकिन ड्राईवर व परिचालक की सूझबूझ से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इस बस में 12 छात्र थे, लेकिन गाइडलाइंस के अनुसार बस में उस वक्त कोई टीचर मौजूद नहीं था. सूचना पर दमकल के वाहनों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. 


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बता दें कि यह हादसा आज सुबह 7 बजकर 30 मिनट के करीब जब बस गांव कुब्जानगर के पास पहुंची तो उसमें शॉर्ट सर्किट हुआ, जिस कारण बस में आग लग गई. चालक और परिचालक ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों को बारी-बारी बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गए. देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया.


बस को जलता देख आसपास के लोग भी मौके पर जमा हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल प्रंबधक ने बच्चों की मदद के लिए दूसरी बस भेजी. इस हादसे में गनीमत रहीं कि कोई हताहत नहीं हुआ. स्कूल प्रंबधक ने चालक व परिचालक कि तत्परता को सराहया.  दमकल विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर पाया काबू, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी.


स्कूल बसों में लगातार इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही हैं, लेकिन फिर भी स्कूल प्रशासन तय गाइडलाइंस को फॉलो नहीं कर रहे हैं. बता दें कि स्कूल बसों के संचालन के लिए कुछ गाइंडलाइंस बनाई गई हैं. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं.


1. स्कूली बस को चलाने के लिए ड्राइवर का अनुभव 5 साल से ज्यादा होना चाहिए.
2. इन ड्राइवर्स को हैवी वीइकल्स की ड्राइविंग का अनुभव होना चाहिए.
3. बस की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
4. अगर बस किराए की हो तो उसके आगे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए.
5. बस में बच्चों के साथ कोई न कोई टीचर या अभिभावक होना चाहिए.
6. सीटों की कुल क्षमता से 20 फीसदी ज्यादा बच्चे ले जाए जा सकते हैं.
7. यात्रा के दौरान गेट बंद होने चाहिए.
8.  फर्स्ट एड बॉक्स होने चाहिए.
9. आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए.
10. खिड़कियों पर ग्रिल होनी चाहिए. 
11. हर सीट के नीचे ट्रे होनी चाहिए, ताकि बच्चे उसमें बैग रख सकें.
12. पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए.
12. बस येलो कलर की होनी चाहिए और उस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए.