बलराम पांडेय/नई दिल्ली: आज से छठ पर्व की शुरुआत हो गई है, चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. यह पर्व यूपी और बिहार सहित देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस बार दिल्ली में छठ पर्व के लिए 1100 घाट बनाए गए हैं. आस्था की डुबकी लगाने के लिए भक्त इन घाटों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन यमुना के दूषित पानी को लेकर उनमें असंतोष नजर आया. 


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छठ पर्व की शुरुआत के पहले दिन काफी संख्या में भक्त यमुना के कालिंद्री कुंज पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे, लेकिन इस दौरान यमुना का पानी काफी दूषित नजर आया. बावजूद इसके भक्त इस गंदे पानी में डुबकी लगाने को मजबूर थे. 


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गंदगी पर छलका भक्तों का दर्द 
कालिंद्री कुंज पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे भक्तों से जब घाटों की सफाई के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आज नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत हो गई है, लेकिन यमुना में सफाई के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. सालों से यही स्थिति बनी रहती है, आज तक यमुना को स्वच्छ करने की कवायद नहीं की गई.


यमुना में किया जा रहा केमिकल का छिड़काव
यमुना में उठ रहे सफेद झाग को खत्म करने के लिए केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे झाग को खत्म किया जा सके. हाल ही में इस केमिकल को लेकर बीजेपी ने जमकर हंगामा किया था और दिल्ली पुलिस से शिकायत कर इसपर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन आज फिर कैमिकल का छिड़काव किया गया. 


इस दौरान दिल्ली पुलिस के जवान भी यमुना घाट पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि यहां पर छठ पर्व मनाने की इजाजत नहीं दी गई है.  इसलिए आप लोग यहां पर छठ पर्व ना बनाएं. इसके बाद कुछ भक्तो में काफी ज्यादा आक्रोश भी नजर आया, उन्होंने कहा कि यह हमारा पर्व है और हम इसे मनाएंगे. सरकार इसकी इजाजत दे या नहीं दे. 


दिल्ली की AAP सरकार ने 2021 में साल 2025 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा था, साथ ही यमुना का सफाई के लिए 6 सूत्रीय एक्शन प्लान भी बनाया था. 


1. नए सीवर प्लांट को लगाए जाएंगे, साथ ही मौजूदा प्लांट में प्रयोग की जाने वाली तकनीक को इस्तेमाल किया जाएगा. 
2. सभी इंडस्टी को अपने वेस्ट को ट्रीटमेंट प्लांट को भेजना होगा, ऐसा नहीं करने वाले उद्योगों को बंद किया जाएगा.
3. झुग्गी झोपड़ी में जनसुविधा केंद्रों से निकलने वाले वेस्ट को सीवर में डाला जाएगा.
4. गंदे नालों की सफाई वहीं पर की जाएगी.  
5. लोगों को सीवर का कनेक्शन लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा, इसके साथ ही सरकार खुद सीवर से घर को जोड़ेने का काम करेगी. 
6. मौजूदा सीवर नेटवर्क को डीसिल्ट किया जाएगा.