Haryana Election 2024: हरियाणा में काफी समय से कांग्रेस में दो गुट देखे जा रहे थे. एक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का तो वहीं दूसरा SRK (सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला). हुड्डा से तनातनी बढ़ने के बाद किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस को बाय बाय बोलकर बीजेपी का दामन थाम लिया. कभी SRK ग्रुप का हिस्सा रहीं किरण चौधरी के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में कितना नुकसान होता है, ये तो वक्त बताएगा पर कांग्रेस महसचिव और सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि राज्य में जिन लोगों के पास कांग्रेस की जिम्मेदारी है, उनका रवैया देख लीजिए, वे किस तरह लोगों को साथ लेकर नहीं चलते हैं.


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ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा, कुछ बातें सार्वजनिक है. वह सार्वजनिक मंच पर बोलूंगी. कुछ बातें पार्टी की है तो उन्हें पार्टी के मंच पर रखा जाएगा. कुमारी सैलजा ने एक बार फिर दोहराया. लोकसभा चुनाव में प्रभारी अगर आलाकमान के सामने फीडबैक सही ढंग से रखते तो पार्टी टिकट बंटवारे के साथ ज्यादा सीट जीत सकती थी. SRK में बिखराव के बाद इससे जुड़े एक सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि SRK हो या SR हो, यह तो चलता रहता है. अब किरण भाजपा में चली गई हैं तो उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं. कुमारी सैलजा ने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि स्टार प्रचारक हो या बाकी विषय, किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने को लेकर एक प्लेटफार्म तैयार किया गया था.


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लोकसभा स्पीकर पद को लेकर प्रतिक्रिया 
कुमारी सैलजा ने कहा, जो सत्ता पक्ष का नंबर पहले था, अब नहीं रहा है. स्पीकर और डिप्टी स्पीकर आपसी सहमति से बनाना होता है और सहमति बनाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है. सत्ता पक्ष की तरफ से मेल मिलाप की भावना ज्यादा होनी चाहिए. 


विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार रहें कार्यकर्ता 
सिरसा की सांसद ने कहा कि सितंबर में हरियाणा में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी और अक्टूबर में चुनाव होने हैं. कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं को कमर कसकर चुनाव की तैयारी करनी होगी. प्रदेशवासियों की इच्छा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बने.


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विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलने की संभावना 
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाली किरण चौधरी 2005 से तोशाम विधानसभा सीट से विधायक हैं. हरियाणा की आबादी का करीब एक चौथाई हिस्सा जाट समुदाय का है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि बीजेपी किरण चौधरी के जरिये भिवानी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है. दरअसल भिवानी क्षेत्र में बंशीलाल परिवार का काफी प्रभाव और सम्मान रहा है, जिसकी बदौलत उनकी बहू किरण चौधरी पिछले 20 साल से लगातार विधायक चुनी जाती रही हैं और उनकी इसी यूएसपी का फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. किरण चौधरी के जाने से आगामी चुनाव में बीजेपी को कितना फायदा या कांग्रेस को कितना नुकसान होगा, ये तो वक्त ही बताएगा.