दिल्ली का पहला ई-वेस्ट ईको पार्क, जानें कहां बनेगा, दिल्लीवालों के लिए क्यों है खास?
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रतिवर्ष करीब 2 लाख टन ई-वेस्ट उत्पन्न होता है. पूरे देश में पैदा होने वाले ई-वेस्ट का केवल 5 प्रतिशत ही सही तरह से रीसाइकिल किया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए हम दिल्ली में भारत का पहले ई-वेस्ट ईको पार्क बनाने जा रहे हैं.
नई दिल्ली : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज ई-वेस्ट ईको पार्क के निर्माण को लेकर पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की. इसके बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि देश के पहले ई-वेस्ट ईको पार्क को दिल्ली के होलम्बी कलां में करीब 21 एकड़ के क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया गया है.
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गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रतिवर्ष करीब 2 लाख टन ई-वेस्ट उत्पन्न होता है, जोकि लगभग पूरे भारत में पैदा होने वाले ई-वेस्ट का लगभग 9.5 प्रतिशत है. इसी के साथ दिल्ली पूरे भारत में ई-वेस्ट पैदा करने में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद पांचवे नंबर पर आता है.
साथ ही यह भी देखा गया है कि पूरे देश में पैदा होने वाले ई-वेस्ट का केवल 5 प्रतिशत ही सही तरह से रीसाइकिल किया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए हम दिल्ली में भारत का पहले ई-वेस्ट ईको पार्क बनाने जा रहे हैं. ई-वेस्ट ईको पार्क से मतलब एक ऐसी जगह बनाना है , जहां इस ई-वेस्ट का वैज्ञानिक और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित विघटन, नवीनीकरण, रीसाइक्लिंग और विनिर्माण किया जाता हो.
23 महीने बनकर होगा तैयार
उन्होंने बताया कि ई-वेस्ट ईको पार्क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इसके लिए डीएसआईआईडीसी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है. साथ ही संबंधित विभाग को निर्देश दिया गया है कि ई-वेस्ट ईको पार्क के निर्माण के लिए जल्द से जल्द कंसलटेंट की नियुक्ति की जाए, ताकि इसके निर्माण कार्य तेजी से हो सके.
भारत के पहले ई-वेस्ट ईको पार्क को तैयार करने में करीब 23 महीने का अनुमानित समय लगेगा. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में निर्मित होने वाला यह ई-वेस्ट ईको पार्क भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में दिल्ली की एक अलग छाप छोड़ेगा. साथ ही इसके निर्माण से ई-वेस्ट से होने वाले प्रदूषण में भारी कमी आएगी.
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