Delhi CM Atishi PC: दिल्ली सरकार ने एक बार फिर श्रमिकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने का फैसला किया है. श्रम मंत्री मुकेश अहलावत ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अब अप्रशिक्षित श्रमिकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18,066 रुपये, अर्द्ध प्रशिक्षित मजदूरों का 19,929 रुपये और पूर्ण रूप से प्रशिक्षित श्रमिकों का 21,917 रुपये कर दिया गया है. बढ़ा हुआ वेतन 1 अक्टूबर से लागू होगा.


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अहलावत ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज़्यादा मिनिमम वेज दिल्ली में दिया जा रहा है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को सम्मानित जीवन देती आई है. आने वाले चार महीने में आपको सम्मान भरा जीवन मिले, इसी का प्रयास किया जाएगा.


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मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि एक ओर भाजपा शासित राज्यों में जहां न्यूनतम वेतन दिल्ली की तुलना में आधा है वहीं दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की दिल्ली है, जहां सरकार आम आदमी को सम्मानजनक जीवन देने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. कंट्रक्शन, प्लम्बर, दिहाड़ी मजदूरों का शोषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने मिनिमम वेजेज को ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचाया है. 


सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा गरीब विरोधी काम किए हैं. इसका उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, जब 2016-17 में केजरीवाल सरकार ने मिनिमम वेज बढ़ाने की बात कही तो बीजेपी ने एलजी के माध्यम से इसे रोका. इसके बाद दिल्ली सरकार कोर्ट से ऑर्डर ले आई. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने राज्यों में तो न्यूनतम वेतन बहुत कम दे रही है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली में इसे रोकने की कोशिश कर रही है. सीएम ने ये भी बताया कि इससे पहले न्यूनतम वेतन कितना था.


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2013 से अब तक कितना बढ़ा 


आतिशी ने कहा कि 2013 में अप्रशिक्षित श्रमिकों का न्यूनतम वेतन मात्र 7722 रुपये होता था. इसके अलावा सेमी स्किल्ड श्रमिकों को 8528 रुपये, जबकि स्किल्ड वर्कर्स को 9388 रुपये वेतन दिया जाता था. 


बीजेपी शासित प्रदेशों में कितना मिलता है 


दिल्ली की सीएम ने बताया कि राजस्थान में अन स्किल्ड श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 8063 रुपये, मध्य प्रदेश और हरियाणा में 10-10  हजार, यूपी में 8300 रुपये, बिहार में 10600 रुपये और छत्तीसगढ़ में 10900 रुपये है. सीएम ने कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने लड़ झगड़ कर मिनिमम वेज को  बढ़वाया बल्कि उसमें प्रावधान डाला कि जिस तरह सरकारी अधिकारियों का साल में 2 बार डीए लगने से सैलरी बढ़ जाती है वैसे ही साल में दो बार न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाएगी.