Ganesh Visarjan News: गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिनों तक सभी के घर में गणपति बप्पा विराजमान होते हैं. श्रद्धालु पूजा-पाठ कर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को पौराणिक रीति रिवाज के अनुसार बहती जलधारा में विसर्जित भी करते हैं. कुछ लोग भगवान गणेश की प्रतिमा अपने घर में पूरे 10 दिन तक रहते हैं, लेकिन कुछ श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो अपनी श्रद्धा के अनुसार दो चार या सात दिनों में पूजा पाठ के बाद मूर्ति विसर्जन करते हैं. रविवार को सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु जगह-जगह यमुना नदी के किनारे बने घाट पर पहुंचे और गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करने से पहले ही पुलिस प्रशाशन द्वारा मूर्ति विसर्जन को रोका गया.


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आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में छठ पूजा हो दुर्गा पूजा हो या गणेश मूर्ति विसर्जन हो हर बार श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई भी कृत्रिम घाट नहीं बनाए गए, जिसमें वह मूर्ति विसर्जित कर सके एक कृत्रिम घाट बुराड़ी के पास बना हुआ है. जिसके हालात आज भी बत्तर हो चुके हैं. जिसकी वजह से श्रद्धालु यमुना नदी की तरफ रुखकर रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारी एनजीटी के सख्त दिशा निर्देश का पालन करने के लिए यमुना किनारे मौजूद है. जिसकी वजह से यमुना में मूर्ति विसर्जित नहीं की जा रही और कहीं न कहीं इस बीच श्रद्धालुओं की श्रद्धा को भी काफी ठेस पहुंच रही है. 


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जरूरत है कोई भी महापर्व आने से पहले सरकार जिस तरीके से कृत्रिम घाट बनाने की बात कहती है, उन घाटों पर सुचारू रूप से कार्य करें. फिलहाल पौराणिक परंपरा के अनुसार बनाए जाने वाले त्योहार और राजधानी दिल्ली में आर्टिफिशियल त्यौहार बनकर रह गए हैं. इस बीच श्रद्धालुओं की जो आस्था को बड़ी ठेस पहुंच रही हैं.


Input: नसीम अहमद


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