Delhi AIIMS: एक जिस्म दो जान यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी, लेकिन यह सच्चाई है. आज हम आपको एक ऐसे केस के बारे में बताते हैं. दो जुड़वा बहने रिद्धि और सिद्धि कहानी है. दोनों बहनें एक साल की है, जो कि जन्म से जुड़ी हुई थी. शरीर के कई सारे अंग उनके आपस में जुड़े हुए थे, लेकिन देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डॉक्टरों ने एक बार फिर साबित किया है कि आधुनिक मेडिकल विज्ञान में एम्स का नाम क्यों शिर्ष पर आता है. क्योंकि इस मामले में एम्स के डॉक्टर्स ने सफलतापूर्वक रिद्धि और सिद्धि को अलग-अलग कर दिया और वह दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं.


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 एम्स के डॉक्टरों की वजह से रिद्धि-सिद्धी की मां के पर मुस्कान है. क्योंकि इस मां ने जब अपनी बच्ची को जन्म दिया था तो वह जुड़वा तो थी, साथ ही एक दूसरे से जुड़ी हुई थी. शरीर का कई हिस्सें इन दोनों बहनों के जुड़े हुए थे. दरअसल इस परिवार को अपने जुड़वे बच्चे के शारीरिक समस्या के बारे में पहले ही पता लग गया था, लेकिन इस परिवार को एम्स के डॉक्टरों पर भरोसा था. लिहाजा उनकी मां ने अपने बच्चे को जन्म दिया और जन्म के बाद से ही या यूं कहें तो रिद्धि और सिद्धि के जन्म से पहले से ही एम्स के डॉक्टर निगरानी रखे हुए थे. 


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जन्म के बाद डॉक्टरों ने रिद्धि और सिद्धि के थोड़ा वजन बढ़ने का इंतजार किया. उसके बाद जब यह बहने लगभग 1 साल की हो गई तो डॉक्टरों ने इन दोनों बहनों की सर्जरी की. दुनिया में काफी रेयर मानी जाने वाली सर्जरी हुई. ऐसी सर्जरी में बच्चों के नुकसान होने का खतरा काफी ज्यादा होता है. इसके साथ ही इस सर्जरी में शरीर के कितने अंगों की सर्जरी करनी पड़ेगी यह पहले से तय नहीं की जाड सकती. शायद इसीलिए रिद्धि और सिद्धि के ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने कुछ तैयारी पहले से भी किए हुई थी कि अगर कोई परेशानी होगी तो उसका इस्तेमाल किया जाएगा. एम्स अस्पताल के मेडिकल विज्ञान का आधुनिकरण और यहां के डॉक्टरों का डेडीकेशन के बदौलत रिद्धि और सिद्धि का सफल ऑपरेशन हुआ. 


डॉक्टरों ने बताया आज यह दोनों बहने पूरी तरह से स्वस्थ हो गई है. यह दोनों एक-दूसरे के शरीर से अलग हो गई है और अलग-अलग रह सकती हैं. भविष्य में इस सर्जरी के चलते इनको कोई समस्या नहीं आएगी. डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि क्योंकि जुड़वा बच्चे हजारों में एक होते हैं लिहाजा इनके स्वस्थ होने के बाद आगे के इनके शारीरिक सिम्टम्स क्या होगा इसके बारे में रिसर्च करने के लिए डॉक्टर परिवार को हमेशा बुलाते रहेंगे.


बहरहाल रिद्धि और सिद्धि के सफल इलाज के बाद उसके माता-पिता तो खुश है हीं साथ ही साथ डॉक्टरों ने इस सफल ऑपरेशन के बाद उनके पूरे टीम का हौसला बढ़ा है. कहीं ना कहीं एम्स अस्पताल बीते कुछ ही सालों में इस तरह के कई ऑपरेशन पहले कर चुका है. लगातार ऐसे सफल ऑपरेशन के बाद न सिर्फ एम्स अस्पताल का नाम रोशन होता है बल्कि यह भारत के लिए भी गौरव की बात है. शायद यही वजह है कि कई देश एम्स अस्पताल के साथ मिलकर अपने देश की मेडिकल कंडीशन को सुधारना चाहते हैं.


Input: Mukesh Singh