Delhi AIIMS: AIIMS ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर्स ने करिश्माई तरीके से पीठ में लगे खंजर के साथ पहुंचे शख्स का सफल ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई. युवक की हालत देखकर कई अस्पतालों के डॉक्टर्स ने उसे हाथ लगाने से भी इनकार कर दिया था.
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Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स (AIIMS) ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर्स ने करिश्माई तरीके से पीठ में लगे खंजर के साथ पहुंचे शख्स की जिंदगी बचाने का कारनामा करके दिखाया है.एम्स पहुंचने से पहले मरीज दो अन्य अस्पतालों में भी गया था, जहां डॉक्टर्स ने पीठ में लगे चाकू को देखकर इलाज से इनकार कर दिया. मरीज की हालत में सुधार होने के बाद अब इस पूरे मामले में डॉक्टर्स की प्रतिक्रिया सामने आई है.
क्या है पूरा मामला
तस्वीर में नजर आ रहे 30 वर्षीय शख्स हरियाणा के करनाल का रहने वाला है, बीते 12 जुलाई को दो लोग युवक पर खंजर घोपकर फरार हो गए. जिसके बाद इसे घायल हालत में अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया, लेकिन युवक हालत देखकर डॉक्टर्स ने उसे हाथ लगाने से भी मना कर दिया.ए म्स ट्रॉमा सेंटर के एनेस्थिसिया एक्सपर्ट डॉ अभिषेक के अनुसार, 12 जुलाई को लगभग रात 10 बजे युवक को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में लाया गया और सुबह 8 बजे डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी करके चाकू निकाला.
डॉक्टर्स के सामने चुनौती
चाकूबाजी की घटना देखने में आम हो सकती है, लेकिन इसमें घायल मरीज का इलाज करना डॉक्टर्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन AIIMS ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर्स ने ये करिश्माई कारनामा कर दिखाया. एम्स ट्रॉमा सेंटर प्रमुख डॉ. कामरान फारूख के अनुसार, मरीज को बेड पर सीधा लिटाया भी नहीं जा सकता था. साथ ही डॉक्टर्स के लिए पीठ में लगे खंजर को बिना एक सेंटीमीटर भी हिलाए हुए निकालना सबसे बड़ा चैलेंज था.
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मरीज को जान का खतरा
एम्स ट्रॉमा सेंटर के सर्जन डॉ अमित गुप्ता के मुताबिक, चाकू इतनी तेजी से घोंपा गया था कि वो पीठ में रीढ़ की हड्डी को चीरते हुए पार हो गया.चाकू से बस 5 मिलीमीटर की दूरी पर दिमाग को ब्लड सप्लाई करने वाली नर्व थी, अगर चाकू को थोड़ा भी छेड़ा जाता तो मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता.
हालत में सुधार
डॉक्टर्स के मुताबिक, मरीज की हालत में अब सुधार है. अगले दो से तीन दिन में उसे छुट्टी दी जा सकती है. रीढ़ की हड्डी में लगी चोट की वजह से मरीज को चलने फिरने में दिक्कत है, वहीं उसके बाएं पैर में भी ताकत नहीं बची है. लेकिन वक्त के साथ-साथ ये सब ठीक हो सकता है.