Delhi Pollution: प्रदूषण के कारण घुट रहा राजधानी का दाम, लोगों को हो रही परेशानी
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है, क्योंकि शहर के कई हिस्सों में शनिवार को दिवाली के बाद लगातार नौवें दिन धुंध छाई रही.
Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है, क्योंकि शहर के कई हिस्सों में शनिवार को दिवाली के बाद लगातार नौवें दिन धुंध छाई रही. SAFAR के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI ) आज सुबह 8 बजे 360 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब श्रेणी में रखा गया. CPCB के अनुसार, विजुअल्स में कर्तव्य पथ के आसपास के क्षेत्र में धुंध की एक परत दिखाई दे रही है , जहां AQI 391 दर्ज किया गया, जबकि एम्स क्षेत्र में 343 AQI दर्ज किया गया.
सफर के आंकड़ों के अनुसार, बवाना समेत दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में एक्यूआई 409, अलीपुर में 387, आनंद विहार में 393, द्वारका सेक्टर 8 में 362, आईजीआई एयरपोर्ट में 344, दिलशाद गार्डन में 220, आईटीओ में 359, मुंडका में 377, नजफगढ़ में 379, न्यू मोती बाग में 411, पटपड़गंज में 389, आरके पुरम में 376 और वजीरपुर में 399 दर्ज किया गया. सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक और दिल्ली को उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण हिस्सों से जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों में से एक अक्षरधाम में एक्यूआई 393 दर्ज किया गया और वायु गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में रखा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां हो रही हैं, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, खांसी, जुकाम आदि. स्थानीय लोगों में से एक शुभम ने कहा प्रदूषण एक समस्या है, इससे सांस लेने में तकलीफ होती है. बुज़ुर्ग और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
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इससे सांस लेने में भी दिक्कत होती है. दिवाली के बाद से AQI का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. जब कर्तव्य पथ पर धुंध छा गई, तो इंडिया गेट पर एक साइकिल सवार ने कहा कि इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए सभी को समान रूप से योगदान देना होगा. क्योंकि इस समस्या का कोई एक समाधान नहीं है. दिल्ली की हवा को प्रभावित करने वाला कोई एक कारक नहीं है. पराली, वाहनों से होने वाला प्रदूषण, लोगों द्वारा पटाखे फोड़ना, इन सभी कारणों ने धुंध को बढ़ावा दिया है, जिस तरह कोई एक समस्या नहीं है. उसी तरह इसका कोई एक समाधान भी नहीं है. सभी को अपना योगदान देना होगा. दिल्ली निवासी आकाश ने कहा कि हर साल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण के कारण हर साल जलवायु भी बदल रही है. इससे लोगों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं. यह प्रदूषण बुजुर्गों और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. आज युवा पीढ़ी भी इस प्रदूषण से प्रभावित हो रही है. यह धुआं आंखों में जलन पैदा कर रहा है. इस प्रदूषण के कारण खांसी, जुकाम, सिरदर्द और दर्द जैसी कई समस्याएं हो रही हैं. हम रोजाना सुबह टहलने आते हैं, लेकिन इस साल ऐसा लग रहा है कि प्रदूषण बहुत बढ़ गया है.