राकेश कुमार/नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन (भानु) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने मीडिया के जरिये अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार को चेताया. इन मांगों में मुख्य मांग थी कि जल्द से जल्द किसान आयोग का गठन किया जाना चाहिए. साथ जो देश के वीर जवान सैनिक हैं. उनकी शहादत पर केंद्र सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाए. इन मांगों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा और केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि 2024 तक अगर उनकी इन मुख्य मांगों को नहीं माना जाता तो भारतीय किसान यूनियन जमकर विरोध करेगी.


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राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने केंद्र सरकार से कहा कि वह अगले 6 महीने केंद्र (भानु) की चली आ रही प्रमुख मांग किसान आयोग व कर्जा मुक्ति को पूरी करने के लिए कमर कस लें. ऐसा नहीं करने से भारतीय किसान यूनियन अपना स्वतंत्र निर्णय किसान हित में लेगी. वहीं उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से सरकार से संघर्ष किया जाएगा.


सन 2014 में वर्तमान एनडीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग सिफारिश लागू करने का वादा किसानों से किया था. वहीं 2017 में खुले मंच से किसानों को संपूर्ण कर्जा माफी की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, लेकिन अभी तक की सीमाओं पर अमल नहीं हुआ है. दिल्ली में 1 साल लंबे चले आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन भानु लगातार किसान आयोग की मांग रखता आ रहा है.


वहीं उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्व द्वारा लाल किले पर दूसरे झंडा फहराने की वजह से भारतीय किसान यूनियन भानू ने राष्ट्रीय में अपना आंदोलन वापस ले लिया था. हमने यह कह दिया था कि हमने आंदोलन स्थापित किया है समाप्त नहीं किया. इसलिए भारतीय किसान यूनियन भानू का और लगातार किसान पंचायत किसान आयोग के गठन कर्ज मुक्ति के महत्वपूर्ण को लेकर जारी है. अगर केंद्र सरकार किसान के साथ वादाखिलाफी की तो भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन पूरी तरीके से अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करके निर्णय लेगी. इस कारण सरकार के मांगें मानने के लिए विवश होना पड़ेगा. इसलिए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप ने कहा कि आज तो मैं अपने निवेदन कर रहा हूं कि कल को आंदोलन न करना पड़े. इसके लिए आप किसानों की मांगों को मान लें. देश में सबके आयोग हैं इन किसानों का कोई आयोग ही नहीं है. यह हम सबके लिए शर्मनाक बात है.