Delhi Budget Session 2023: दिल्ली सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की तैयारियों में जुटी है. वित्त मंत्री कैलाश गहलोत रोजाना अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. विधानसभा का बजट सत्र 17 मार्च से शुरू हो रहा है और 21 मार्च को बजट पेश किया जाएगा. दिल्ली सरकार के बजट पर व्यापारिक संगठनों समेत 20 लाख कारोबारियों और फैक्ट्री मालिकों की नजर है. 


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वहीं चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों की ओर से वित्त मंत्री कैलाश गहलोत को पत्र लिखा है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली के बाजार पुनर्विकास चाहते हैं. बजट में रीडिवलेपमेंट को लेकर अलग से फंड घोषित किया जाए. इसका इस्तेमाल मार्केट में हो. बाजारों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा, तो फुटफॉल बढ़ेगा. माल बिकेगा तो व्यापारियों के साथ सरकार को भी राजस्व मिलेगा. मार्केट में सड़क, शौचालय, पीने का पानी, सीवर, साफ-सफाई, पार्किंग, अंडरग्राउंड पार्किंग पर गंभीरता से काम होना चाहिए.


सीटीआई के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के रीटेल व्यापारी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा पैदा की गई चुनौतियां झेल रहे हैं. इस पर अंकुश लगना चाहिए. कई कंपनियों में विदेशी पैसा लगा है. दिल्ली सरकार अपना पोर्टल लेकर आए, जिस पर यहां के कारोबारी रजिस्टर्ड हों और अपना माल दिखा सकें. इससे काफी लाभ मिल सकेगा. होलसेल मार्केट में बैठे व्यवसायियों को गोदाम की भारी समस्या है. तंग गलियों में अधिक माल की आवाजाही और लोडिंग-अनलोडिंग करना मुश्किलभरा काम है. सरकार प्रत्येक थोक बाजार को अलग से गोदाम के लिए जगह मुहैया करवाए. सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया के विकास पर भी सरकार को ध्यान देना होगा. यहां के लिए विशेष पैकेज घोषित हो. सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, पीने का पानी, सीवर और सुरक्षा पर फोकस किया जाए.


वॉल्ड सिटी की विरासत संभालें
बृजेश गोयल ने कहा कि देश में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है. वॉल्ड सिटी के एतिहासिक बाजारों की विरासत को संभलाना होगा. वित्त मंत्री से गुजारिश की है कि यहां के मार्केट पर खास ध्यान दिया जाए. अगस्त और सितंबर में देश-दुनिया के मेहमान दिल्ली आएंगे. चांदनी चौक, खारी बावली, सदर बाजार, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार, तिलक बाजार, फतेहपुरी, भागीरथ पैलेस, साइकल मार्केट, जामा मस्जिद और बल्लीमारान जैसे मुगलकालीन बाजारों की ऐतिहासिक वैल्यू है. इसे दुनिया को जानना जरूरी है. प्रमुख बाजारों के गेट पर उसका महत्व दर्शाने की आवश्यकता है. इतिहास में क्या-क्या घटनाएं हुईं? कौन बड़े व्यापारी रहे? किस सामान के लिए मशहूर है? ये सब पता चलेगा, तो व्यापारियों को फायदा होगा.


चीन-दुबई की तर्ज पर हो फेस्टिवल
दुनियाभर के कई बड़े देशों में बिजनेस फेस्टिवल आयोजित होते हैं. बृजेश गोयल ने कहा कि चीन और दुबई के फेस्टिवल काफी मशहूर हैं, जिसमें दुनिय़ाभर के व्यापारी और खरीदार पहुंचते हैं. इसी तर्ज पर दिल्ली में भी फेस्टिवल आयोजित हैं. दिल्ली सरकार को बजट में इसका प्रावधान और फंड अलॉट करना होगा. बड़े फेयर लगेंगे, तो मूवमेंट होगी. टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, टैक्सी, ट्रैवलर, दुकानदार, फैक्ट्री मालिक, कर्मचारी सभी को काम मिलेगा. व्यापारी भी अपने माल को अधिक लोगों के समझ एक्सपोज कर सकेंगे.