Delhi News: देशभर में पिछले कुछ दिनों में जाति जनगणना  (Caste Census) का मुद्दा काफी तेजी से उछला. विपक्षी पार्टियों द्वारा इसका समर्थन भी किया गया. वहीं अब व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने जाति जनगणना को लेकर एक अलग मांग उठाई है. CTI द्वारा पीएम मोदी को पत्र लिखकर टैक्सपेयर्स की जाति जनगणना करने की मांग की है. उनका कहना है कि इस बात का डेटा एकत्र किया जाए कि किस जाति के लोग कितना टैक्स देते हैं. CTI की तरफ से ये पत्र सभी राज्यों के सीएम को भी भेजा जाएगा.  


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CTI का पत्र



CTI का कहना है कि लोगों को पता चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था चलाने में किस जाति के लोगों की अहम भूमिका है, कौन सबसे अधिक टैक्स देता है. क्या सरकार उनके हितों को ध्यान में रखकर कोई नीति बनाती है. इन सभी बातों को जानने के लिए हम सरकार से टैक्सपेयर्स की जाति जनगणना करने की मांग कर रहे हैं.  
 
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि सरकार के पास इनकम टैक्स और जीएसटी संबंधी सभी तरह का डेटा है. करदाताओं की सूची भी जाति आधारित जारी हो. आज तक यह पता नहीं चल पाया कि कौन सी जाति सरकार को कितना राजस्व देती है? जो भी जाति सबसे अधिक राजस्व देती है, उसके लिए भी नीतियां, बीमा, पेंशन, मेडिकल सुविधाएं होनी चाहिए.


बृजेश गोयल ने कहा कि हम व्यापारिक संगठन होने के नाते ऐसी मांग कर रहे हैं. ट्रेडर्स कम्युनिटी में इस पर जोरों की चर्चा चल रही है. हजारों व्यापारियों ने इस पर अपनी सहमति जताई है, जिसके बाद CTI की ओर से पीएम मोदी को पत्र लिखा गया है. 


Input- Davesh kumar


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