Arvind Kejriwal SC Hearing: शराब नीति घोटाले मामले में जमानत पर रोक लगाए जाने के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. फिलहाल अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने राहत नहीं दी है. अरविंद केजरीवाल की ओर से उच्चतम न्यायालय में हाई कोर्ट की जमानत पर रोक वाले फैसले को चुनौती दी गई थी.  


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नहीं मिली अरविंद केजरीवाल को राहत
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस एसवीएम भट्टी की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से कहा गया कि हाई कोर्ट उनकी अर्जी पर इसलिए नहीं सुनवाई कर रहा क्योंकि ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले हाई कोर्ट से अर्जी वापस लें फिर हमारे पास आएं. अब इस मामले में बुधवार 26 जून को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. यानी फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाएगा. दूसरी ओर ये भी संभावना है कि बुधवार से पहले हाई कोर्ट का भी फैसला इसपर आ जाए.  


'उचित नहीं दखल देना'
हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानती रिहाई पर रोक लगाने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रोक को हटाने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. SC ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है तो हमारा इसमें दखल देना उचित नहीं होगा.


न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन
वहीं, अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब हाई कोर्ट बिना ऑर्डर कॉपी को अपलोड किए हुए स्टे लगा सकता है तो सुप्रीम कोर्ट भी बिना हाईकोर्ट के आदेश आए उसपर रोक लगा सकता है. सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंगवी ने कहा, हाई कोर्ट का स्टे, न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है. इसपर जस्टिस मनोज मिश्र ने कहा कि हाई कोर्ट आज-कल में फैसला सुनाने ही वाला है.


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क्या कहा गया याचिका में
बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में कथित घोटाले के आरोप में तिहाड़ में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 20 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दिया था. इसपर अरविंद केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि जमानत आदेश पर रोक लगाने वाला हाईकोर्ट का तरीका कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के स्पष्ट आदेश के विपरीत है. केवल इसलिए कि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है और केंद्र की मौजूदा सरकार का विरोधी है यह तथ्य उसके खिलाफ झूठा मामला बनाने का आधार नहीं हो सकता है.