Delhi Crime: खुद को बैंक अधिकारी बताकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने जामताड़ा, झारखंड से दबोचा है. पकड़े गए आरोपी की पहचान जामताड़ा, झारखंड निवासी कलीम अंसारी (29) के रूप में हुई है. एक अन्य मामले में झारखंड पुलिस इसके तीन अन्य साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.


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आरोपी लगातार नवंबर 2023 से पुलिस को चकमा दे रहा था. कलीम व उसके साथियों ने न्यू उस्मानपुर इलाके में एक व्यक्ति से 3.08 लाख रुपये ठग लिए थे. पुलिस जब आरोपियों की तलाश में झारखंड पहुंची तो वह गायब हो गया. उत्तर-पूर्वी जिला साइबर थाना पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी है.


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उत्तर-पूर्वी जिला के पुलिस उपायुक्त डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि न्यू उस्मानपुर निवासी राजेंद्र सिंह ने साइबर ठगी की एक शिकायत पुलिस से की थी. पीड़ित ने बताया कि खुद को एसबीआई बैंक का अधिकारी बनकर बदमाशों ने उनकी निजी जानकारी जुटा ली. बाद में साइबर ठगी के जरिये 3.08 लाख रुपये ऑन लाइन ट्रांसफर कर लिए.


पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की. कॉल डिटेल और बैंक डिटेल के आधार पर पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल और जामताड़ा के एटीएम से ठगी की रकम निकाली और बांट ली है. सीडीआर से आरोपियों की लोकेशन जामताड़ा की मिली. पुलिस ने वहां पहुंचकर कई जगह छापेमारी की, लेकिन आरोपी लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था.


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काफी प्रयास के बाद टीम ने आरोपी को नारायणपुर से दबोच लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने ठगी की बात स्वीकार कर ली. उसने बताया कि राजेंद्र के साथ नजीर अंसारी, तजमुल अंसारी, कन्हैया मंडल और बिरबल मंडल ने मिलकर ठगी की थी. तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इनके पास से दो वाईफाई डुंगल, तीन मोबाइल फोन, छह सिमकार्ड और एक केटीएम बाइक व अन्य सामान बरामद किया था.


पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी ने अपने गैंग के साथ मिलकर अब तक कितने लोगों के साथ ठगी कर चुकी है. पुलिस इनके बैंक खातों की भी पड़ताल कर रही है.


(इनपुटः राकेश चावला)