Delhi Crime: अंतरराज्यीय इनामी अपराधी शमीम उर्फ पिला को साउथ वेस्टर्न रेंज स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है. बता दें कि शमीम उर्फ ​​पिला निवासी समर गार्डन, मेरठ, यूपी नामक एक वांछित अपराधी है. आरोपी की हरियाणा एसटीएफ को तलाश थी और उस पर आईपीसी थाना सदर बहादुरगढ़, झज्जर, हरियाणा पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का घोषित किया गया था. वह कई अंतरराज्यीय वाहन चोरी सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों में से एक है.


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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अप्रैल 2023 ने एक इनामी अपराधी कमल निवासी लिबासपुर से जिस दिल्ली से गिरफ्तार किया गय था. उससे पूछताछ में पता चला कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 800 से ज्यादा फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तैयार किए थे. अभियुक्त कमल से निरंतर पूछताछ से गिरोह के अन्य फरार और इनामी अपराधी शमीम उर्फ पिला के बारे में जानकारी मिली. जो सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों में से एक है. मैनुअल और तकनीकी निगरानी के माध्यम से इनपुट्स को और विकसित किया गया और यह पता चला कि शमीम वाहनों के इंजन और नंबर बदलने में माहिर था. 


टीम की लगातार प्रयास रंग लाए जब 12 मई को ट्रांसपोर्ट नगर समयपुर बादली में उनके आने-जाने की विशेष सूचना मिली. तब टीम ने समयपुर बादलील के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में छापेमारी की और 40 वर्षीय आरोपी शमीम निवासी मेरठ यूपी को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से एक लोडेड सिंगल शॉट पिस्टल बरामद हुई है. फिर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच की गई.


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आरोपी से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह कुख्यात ऑटो लिफ्टर मनोज बक्करवाला का करीबी सहयोगी था. मनोज बक्करवाला और नवाब मेरठ आदि के वाहन चोरी सिंडिकेट उन्हें चोरी के वाहनों को उनके मूल चेसिस और इंजन नंबरों को नकली नंबरों से बदलने के लिए सौंप देंगे. वह पिछले दस साल से इस हरकत में शामिल था. उसने खुलासा किया है कि उसने करीब 3000-4000 चोरी की गाड़ियों के चेसिस और इंजन नंबर बदल दिए हैं. ऐसे चोरी के वाहन के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाले दिल्ली/एनसीआर में अपराधियों को बेचे जाते थे. 


ये सिंडिकेट चोरी के वाहनों को दूसरे राज्यों में भी अपने साथियों को बेचते थे. जुलाई 2022 में हरियाणा पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया था और मनोज बक्करवाला समेत इस सिंडिकेट के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. हालांकि शमीम उर्फ ​​पिला भागने में सफल रहा और तब से फरार चल रहा था. जिस पर हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तारी पर 25000 का इनाम भी घोषित किया था. यह भी पता चला है कि इस रैकेट का लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ सिंडिकेट से गहरा संबंध है. एक चिराग उर्फ ​​कालू, जिसे भी हरियाणा पुलिस ने उनके मामले में गिरफ्तार किया था. वह सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के एक आरोपी कुख्यात अपराधी टीनू भिवानी का सगा भाई है.


Input: राज कुमार भाटी