Delhi News: दिल्ली की अवैध कॉलोनी पर चलने वाला है बुलडोजर, HC ने किया रोक से इनकार
Delhi News: दक्षिण दिल्ली स्थित अनधिकृत श्रम विहार कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दक्षिण दिल्ली में स्थित अनधिकृत श्रम विहार कॉलोनी पर बुलडोजर ऐक्शन के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
Delhi Bulldozer Action: दक्षिण दिल्ली स्थित अनधिकृत श्रम विहार कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दक्षिण दिल्ली में स्थित अनधिकृत श्रम विहार कॉलोनी पर बुलडोजर ऐक्शन के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. वहीं इस मामले में अदालत ने कहा कि यमुना नदी में प्रदूषण सितंबर 2024 में उच्च स्तर पर रहा है, जिसका मुख्य कारण अनधिकृत कॉलोनियों से यमुना में प्रवाहित होने वाला अनुपचारित सीवेज है. यमुना को प्रदूषित करने का यह एक बड़ा कारण है. हाई कोर्ट ने कहा कि इसलिए ऐसे अतिक्रमण को हटाने पर रोक लगाने के लिए याचिकाकर्ता हकदार नहीं हैं.
पहले से अधिक बढ़ गई यमुना में गंदगी
वहीं इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने की. वहीं पीठ ने बीते सोमवार को रिपोर्ट देखी, जिस पर उन्होंने कहा कि बीते सोमवार को ही एक रिपोर्ट देखी थी, जिसमें कहा गया था कि यमुना में पिछले कुछ महीने में बदबू पहले से ज्यादा बढ़ गई है. इससे पहले कभी इतनी बदबू नहीं थी. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा जांच के बाद यह रिपोर्ट तैयार दस्तावेजों के आधार पर सामने आई है.
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नोटिस पर विचार करना दृष्टि से उचित नहीं
पीठ ने कहा कि जिस कॉलोनी के बारे में बात की जा रही है वह दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत जोन ओ में आती है. इस तरह की भूमि का उपयोग मुख्य रूप से बागवानी के लिए किया जाता है. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए, ओ जोन की परिकल्पना यमुना के कायाकल्प, नदी व उसकी आकृति विज्ञान के अनुरूप पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए की गई है. इसलिए इन कॉलोनी को ध्वस्त करने के लिए नोटिस पर विचार करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.
अनधिकृत कॉलोनियों से यमुना पड़ रहा असर
वहीं पीठ ने यमुना में अनुपचारित मल की मात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के रिपोर्ट के मुताबिक निर्धारित मात्रा में 1959 गुना ज्यादा और अधिकतम मात्रा से 89 हजार गुना ज्यादा फेकल मल बैक्टीरिया पाया गया है. यह सितंबर 2024 की जांच पर आधारित आंकड़ा है. यह सारा मल अनधिकृत कॉलोनियों से पहुंच रहा है.
दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से इस मामले को लेकर जवाब में हलफनामा दाखिल कर तर्क दिया गया कि श्रम विहार कॉलोनी दिल्ली सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त 1731 अनधिकृत कॉलोनियों की सूची में शामिल नहीं है. डीडीए ने इस बार पर जोर दिया कि श्रम विहार कॉलोनी उसी क्षेत्र में स्थित एक अन्य कॉलोनी अबुल फजल एंक्लेव से अलग है.