Delhi Election News: दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने के दौरान उन्होंने राजनीतिक दलों को एक चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक पतन और लोकतांत्रिक मंदी जैसे शब्दों का उपयोग दुनियाभर में हो रहा है और आप देख सकते हैं कि एक के बाद एक देश में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि चुनावी अभियान के दौरान ध्रुवीकरण इतना बढ़ गया है कि उस समय के दौरान पैदा होने वाले घाव अभियान के बाद भी फीके नहीं पड़ते. 


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इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि अभियानों को रेगुलेट किया जाए. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल संवेदनशील और उत्तरदायी बनें और ऐसी सीमाओं को न लांघें, जो दुनिया भर में लांघी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय चुनावों को हमेशा एक उदाहरण के रूप में पेश किया जाता है. यह एक गोल्डन स्टैण्डर्ड है. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि चुनावी अभियानों के दौरान आक्रामकता असंतोष के बीज बोती है और युवा पीढ़ियां चुनावों से विमुख हो रही हैं.


सीईसी ने ईवीएम को लेकर की शंका दूर 
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम में गड़बड़ी और फर्जी वोटर्स से जुड़ी राजनीतिक दलों की शंका को एक बार फिर दूर किया. उन्होंने कहा कि -मतदाता सूची को लेकर पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है. इसे लेकर राजनीतिक दलों की नियमित बैठक होती है. राजीव कुमार ने कहा कि मतदाता का नाम  काटने का मसला चुनाव के समय उठाया जाता है, ऐसा होना असंभव है, क्योंकि वोटर लिस्ट से किसी के नाम काटने से पहले कई प्रक्रिया होती हैं.


उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि अगर किसी पोलिंग बूथ पर 2 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स के नाम काटे जाते हैं तो अधिकारी जाकर वहां खुद चेक करते हैं. वोटर लिस्ट की तैयारी के हर कदम में राजनैतिक दल शामिल होते हैं. इसलिए उसे छेड़छाड़ असंभव है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने आस्वस्त किया कि चुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम में सभी राजनीतिक दलों की मौजूदगी में बैटरी डाली जाती है और उन्हें सील किया जाता है. उम्मीदवारों को आयोग के हर कदम की जानकारी  उनके एजेंट के जरिये दी जाती है.


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