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Delhi Highcourt : चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जज सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि कोर्ट का काम मुख्यमंत्री को निर्देश देना नहीं है, लेकिन यह कर्तव्य जरूर है कि अहम पदों पर बैठे लोगों को संविधान के सिद्धांतों को कायम रखने में उनकी भूमिका की याद दिलाई जाए.
नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को पद से हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया.
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भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जज सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए कहा कि कोर्ट का काम मुख्यमंत्री को निर्देश देना नहीं है, लेकिन यह कर्तव्य जरूर है कि अहम पदों पर बैठे लोगों को हमारे संविधान के सिद्धांतों को कायम रखने में उनकी भूमिका की याद दिलाई जाए.
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हाईकोर्ट ने कहा कि यह काम मुख्यमंत्री का है कि जनता के हित में सही फैसला करें और विचार करें कि क्या एक आपराधिक पृष्ठभूमि या नैतिक पतन के आरोपी को मंत्री पद पर बरकरार रखा जाए या नहीं.
कोर्ट ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कैबिनेट के सदस्यों के चुनाव और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति को लेकर नीति बनाने के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हैं. संविधान की अखंडता को बनाए रखने के लिए मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी है.
दरअसल याचिकाकर्ता ने कहा था कि संवैधानिक शपथ लेने के चलते सत्येंद्र जैन एक लोक सेवक है और जेल में बंद होने के बावजूद एक मंत्री को मिलने वाले विशेषाधिकार और सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.