Delhi News: FIR और चार्जशीट में नहीं इस्तेमाल होंगे उर्दू के शब्द, पुलिस कमिश्नर ने जारी किया सर्कुलर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि अब से चार्जशीट और एफ आई आर में कठिन उर्दू शब्दों के इस्तेमाल से बचें. वहीं इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2019 में ही अपना फैसला सुना दिया था.
Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) ने एक सर्कुलर जारी कर चार्जशीट और एफआईआर (FIR) में कठिन उर्दू शब्दों के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा है. जारी सर्कुलर में ऐसे शब्दों की लिस्ट भी दी गई है, जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल नहीं होता है और आसानी से उसका मतलब भी लोगों को नहीं पता होता है. इन कठिन शब्दों की जगह हिंदी और अंग्रेजी में सरल शब्दों में क्या लिखा जा सकता है. यह भी सर्कुलर में लिखा गया है.
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2019 में पारित किया ता आदेश
यह देखा गया है कि आमतौर पर एफआईआर (FIR) लिखते वक्त चार्जशीट दायर करते वक्त यहां तक कि डीडी एंट्री करते वक्त उर्दू फारसी के ऐसे शब्दों का उपयोग किया जाता है. जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल नहीं किया जाता. इस मामले में 2018 में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर 7 अगस्त 2019 में उच्च न्यायालय (High Court) ने आदेश पारित किया था और कहा था कि प्राथमिकी शिकायतकर्ता के शब्दों में ही दर्ज होनी चाहिए. बहुत अधिक जटिल भाषा का उसमें प्रयोग नहीं होना चाहिए.
पुलिस आम लोगों के लिए करती है काम
कोर्ट की तरफ से यह भी कहा गया कि पुलिस आम लोगों के लिए काम करती है न कि उन लोगों के लिए जिन्होंने उर्दू, फारसी, इंग्लिश और हिंदी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है.
आदेश न मानने पर होगी कार्रवाई
इस आदेश को जारी करने के साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि इन आदेशों का पालन किया जाए. अगर कोई इनका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
शिकायतकर्ता को न हो परेशानी
पुलिस की तरफ से ऐसे शब्दों की एक लिस्ट भी जारी की गई है जो आमतौर पर अब तक उर्दू और फारसी के शब्द इस्तेमाल होते आए हैं. इस कठिन शब्दों के साथ उनकी जगह सरल शब्दों की भी लिस्ट दी गई है ताकि अधिकारी FIR और चार्जशीट के वक्त उन शब्दों का उपयोग करें ताकि शिकायतकर्ता उसे आसानी से समझ सके.