नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में पिछले साल हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे को बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने योजना के अनुसार किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया है. इस संबंध में कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से दावेदारों और अब तक बांटी गई राशि का ब्योरा मांगा है.


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बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट में सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के लिए सहायता योजना के अंतर्गत दी गई 10 लाख की राशी को बढ़ा कर 15 लाख रुपये करने की मांग की गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी.


इससे पहले केजरीवाल सरकार ने दावा किया था कि 2021 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को 26 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा दिया जा चुका है. सरकार ने बताया कि 44 मृतकों के परिवारों को 4.25 करोड़ रुपये, 233 घायलों को 1.75 करोड़, 731 घरों को हुए नुकसान पर 8.51 लाख रुपये, 1176 दुकानों को नुकासान के लिए 11.28 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही गाड़ियों और अन्य सामानों के नुकसान पर 12 लोगों को 4.42 लाख रुपये, 22 झुग्गियों के नुकसान पर 5.50 लाख रुपये दिए जा चुके हैं. वहीं हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए तीन स्कूलों के लिए सरकार ने 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया था. इन सभी को देखते हुए सरकार ने बताया था कि 2021 हिंसा पीड़ितों को 26 करोड़ 9 लाख 78 हजार 416 रुपये का मुआवजा दिया गया है.


हिंसा के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने हिंसा प्रभावित मौजपुर और जाफराबाद के साथ ही अन्य क्षेत्रों का भी जायजा लिया था. साथ ही सीएम ने पीड़ितों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग दहशत में आकर अपने घर छोड़कर चले गए थे. वहीं कई लोग बेघर हो गए थे.