नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौर में कई प्रवासियों के द्वारा लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया गया था, जिस पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी 25 मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. LG ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 9 जून 2022 के लिए एक फैसले को ध्यान में रखते हुए  लिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मेट्रो स्टेशनों पर फिर मंडराने लगा बंदरों का आतंक, यात्रियों को बचाने के लिए अलग से लगाए गए गार्ड


164 से ज्यादा प्रवासियों पर दर्ज थे मुकदमें
कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों का रोजगार छिन चुका था, उनके पास जीवनयापन करने के लिए कोई जमा पूंजी भी नहीं थी. हालात इतनी बुरी थी कि लोग खाने के लिए भी इंतजाम नहीं कर पा रहे थे. इस बीच दिल्ली से प्रवासियों का पलायन शुरू हो गया. कई लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया, जिसके बाद दिल्ली में  DDMA Act का उल्लंघन करने के कुल 43 मामले बने थे. 18 मामले पहले ही अदालत में निपट चुके हैं अब बचे हुए 25 मामलों को LG ने वापस लेने की मंजूरी दे दी है. 


1 अगस्त से बदल जाएगा चेक पेमेंट का नियम, रसोई गैस की कीमतों में भी हो सकता है इजाफा


प्रकृति द्वारा किये गए भारी नुकसान या किसी महामारी के कहर को, एक प्राकृतिक आपदा के रूप में माना जाता है, COVID-19 महामारी के भयावह प्रकोप के दौरान इस पर नियंत्रण पाने हेतु केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 का प्रयोग करते हुए लॉक डाउन के साथ अन्य नियम भी बना दिए थे. इनका पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों पर Disaster Management Act 2005 के तहत कार्रवाई की जा रही थी.