Majnu Ka Tila: DDA के नोटिस से पाकिस्तानी शरणार्थियों में मची खलबली, आखिर क्यों नहीं जाना चाहते द्वारका?
राजधानी दिल्ली के मजनू टीला क्षेत्र में यमुना किनारे बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को अब बेघर होने का डर सताने लगा है. क्योंकि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की तरफ से नोटिस जारी कर क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
Delhi Refugee News: राजधानी दिल्ली के मजनू टीला क्षेत्र में यमुना किनारे बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को अब बेघर होने का डर सताने लगा है. क्योंकि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की तरफ से नोटिस जारी कर क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिसको लेकर पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप में रहने वाले लोग अब चिंतित नजर आ रहे हैं. हिंदू शरणार्थियों की सरकार से मांग हैं कि अब उन्हें यहां से बेघर न किया जाए. हालांकि उनके समर्थन में कई हिंदू वाहिनी नेता और जैन समाज से साध्वी भी पहुंची.
राजधानी दिल्ली की मजनू टीला में पाकिस्तान के सिंध से आए हिंदू पाकिस्तानी शरणार्थियों ने पनाह ली. जिसके बाद काफी वर्षों तक वह सरकार से मूलभूत सुविधाओं की मांग करते रहे. वहीं बीच-बीच में इन पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने भारत सरकार से भारतीय नागरिकता की भी मांग, जिससे कि वह यहां की सरकार पर बोझ न बने. खुद अपनी मेहनत से कमाई हुई रोजी रोटी से अपने परिवार का गुजारा कर सके.
आपको बता दें साल 2011 में दर्जनों परिवार पाकिस्तान के सिंध से हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली के मजनू टीला इलाके में पहुंचे थे. इसके बाद वह अपना गुजर बसर सड़कों पर सामान बेचकर कर रहे हैं. DDA की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि यमुना किनारे अवैध रूप से बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप से फैले अतिक्रमण को हटाया जाए. क्योंकि यहां रहने वाले लोग हमेशा खतरे के साए में रहते हैं. बीते कुछ महीने पहले यमुना उफान पर होने के चलते यह इलाका भी जल मग्न हो चुका था. जिसके चलते सरकार को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
इसको देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए. हिंदू शरणार्थी पाकिस्तानी कैंप को हटाने को कहा गया है. हालांकि यहां से इन्हें हटाकर दिल्ली के द्वारका इलाके में बने रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा. जहां उन्हें सरकार की तरफ से तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. मगर अब यहां रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को यहां से बेघर होने का डर सताने लगा है.
वहीं इन लोगों की चिंताएं बच्चों की शिक्षा व्यवस्था और अपने रोजगार की भी बढ़ती हुई नजर आ रही है. जिसको लेकर यह लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि अब उन्हें यहां से नहीं हटाया जाए. हालांकि इस बीच कुछ हिंदू वाहिनी नेता भी उनके समर्थन में पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कैंप में पहुंचे और सरकार से इन्हें न हटाने की मांग की. मगर सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से यमुना किनारे फैले अतिक्रमण को हटाने की मुहिम पर काम किया जा रहा है, जिसमें यह पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप भी आता है.
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फिलहाल देखने वाली बात होगी क्या सरकार इन्हें यहां से हटकर जहां शिफ्ट करेगी. वहां भी क्या तमाम तरह की सुविधाए इन्हें मिल पाएंगे. मगर यह बात सत्य है कि अपने बच्चों का एडमिशन कराने में इन्होंने यहां पर कई साल बिता दिए और अब जब उनके बच्चे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने लगे हैं और इनका रोजगार यहां स्थाई रूप से जम चुका है. अब इन्हें एक बार फिर से खानाबदोश यहां से होना पड़ेगा. जिसके चलते उनकी चिंताएं बढ़ती हुई नजर आ रही है.
Input: नसीम अहम