Delhi MCD Election 2022: नगर निगम चुनाव को लेकर चारों तरफ बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. सभी पार्टी एक दूसरे पर निशाना साधने से पूछी नहीं हट रही है. हाल ही में बीजेपी नेता हरिओम गुप्ता को पार्टी से 6 सालों के निष्कासित कर दिया गया है. हरिओम गुप्ता बीजेपी के लीगल डिपार्टमेंट में थे. हरिओम गुप्ता पर आरोप था कि एमसीडी चुनाव के दौरान इन्होंने सिंबल चोरी किया था, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है. यही वजह है कि आज पार्टी से उन्हें 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया गया है.


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MCD से पहले अजीबोगरीब मामला सामने


बता दें कि चुनाव से पहले दिल्ली के एक वार्ड से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक ही वॉर्ड के लिए एक ही पार्टी और एक ही चुनाव चिह्न पर दो लोग आमने-सामने है. इस बीच बीजेपी का आरोप है कि अधिकृत उम्मीदवार के अलावा जिस दूसरे उमीदवार के पास पार्टी का इलेक्शन सिंबल है, उसने सिंबल चोरी किया है और उनके खिलाफ थाने में मामले तक दर्ज करवा दिया गया है. सबसे पहले बता दें कि यह पूरा मामला वॉर्ड नंबर 74 (चांदनी चौक) का है.


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चांदनी चौक से बीजेपी ने रविंद्र कुमार को अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है और इसी जगह से पार्टी के सिंबल से हरिओम ने भी नामांकन भरा हुआ है. लेकिन, यह मामला बीते सोमवार को सामने आया कि एक ही वॉर्ड से दो नॉमिनेशन भरे गए हैं. इसके बाद तो पार्टी में हलचल मच गई और किसी का पता ही नहीं चल पा रहा था कि हरिओम को सिंबल कैसे मिला, तो वहीं, पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक और सभी चीजों को खंगालने के बाद पता चला कि हरिओम गुप्ता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं और बीजेपी के लीगल टीम में भी शामिल हैं.


इतना ही नहीं. उम्मीदवारों के कागजातों के चैकिंग के वक्त वो लीगल टीम के साथ मौजूद थे, जिस दिन प्रदेश अध्यक्ष पार्टी का सिंबल लेकर आए, तो लिफाफा उन्हीं को थमाया गया था. सूत्रों ने आगे बताया कि इसी दौरान सिंबल लेने में हेरफेर की गई, जिन अधिकृत उम्मीदवारों को सिंबल दिया गया है, उस समय हेरफेर की कोई गुंजाईश ही नहीं थी, जिन लोगों को सिंबल देने के लिए अंदर भेजा जा रहा था, उनकी विडियो रेकॉर्डिंग भी की जा रही थी. अंदर जाने से पहले उन्हें टोकन दिया जा रहा था. हरीओम गुप्ता की पत्नी 2012-17 में बीजेपी से पार्षद भी रही हैं.


थाने में दर्ज हुई FIR


पार्टी सूत्रों ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जब यह मामला सामने आया, तो प्रदेश कार्यालय में अफरातफरी मच गई. सिंबल अलॉटमेंट प्रक्रिया के विडियो को खंगाला जाने लगा, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. इसके बाद पार्टी ने फैसला लिया कि हरिओम के सिंबल करने के आरोप में थाने में मामला दर्ज करवाया जाए.