MCD Mayor Election: पहली मीटिंग में हो मेयर का चुनाव, मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोट का अधिकार नहीं- SC
आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने मेयर पद के चुनाव जल्द कराने का रास्ता भी साफ कर दिया है.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने मेयर पद के चुनाव जल्द कराने का रास्ता भी साफ कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए 24 घंटे में नोटिस जारी होगा, जिसमे पहली मीटिंग ( मेयर पद के चुनाव) की तारीख होगी. उस तारीख को पहले मेयर पद का चुनाव होगा और फिर मेयर की अगुवाई में ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव होंगे, लेकिन तीनों चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं होगा.
आप नेता शैली ओबरॉयल ने याचिका में उठाई ये मांग
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी राहत का सबब है क्योंकि आप नेता शैली ओबरॉयल (Shelly Oberoi) की ओर से दायर याचिका में प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा पर सवाल उठाते हुए मेयर पद का चुनाव जल्द कराए जाने की मांग की गई थी. इसके साथ ही याचिका में मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार न दिए जाने और मेयर की अगुवाई में ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव कराया जाने की मांग की गई थी.
LG ऑफिस और MCD की दलीलों से कोर्ट सहमत नहीं
कोर्ट ने याचिका में रखी गई मांगो को स्वीकार करते हुए साफ कर दिया कि मेयर, डिप्टी मेयर या फिर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं होगा. हालांकि सुनवाई के दौरान MCD की ओर ASG सजंय जैन और एल जी ऑफिस की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि पहली मीटिंग में मनोनीत पार्षदों समेत सभी को वोट देने का अधिकार है, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को ठुकराते हुए कहा कि संविधान का आर्टिकल 243 R और डीएमसी एक्ट के सेक्शन 3(3) के मुताबिक ये एकदम साफ है कि मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं दिया जा सकता. ये लोकतंत्र का बुनियादी उसूल है.
Input: राज टाकिया