नई दिल्लीः MCD के एकीकरण को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. गोपाल राय के मुताबिक MCD के एकीकरण के बाद दिल्ली के अंदर सभी विधानसभा क्षेत्रों और वार्डों में सफाई की व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. केंद्र सरकार ने मनमानेपन से एकीकरण का फरमान सुनाया जिसके बाद दिल्ली की व्यवस्था को ताक पर रख कर सो गई है.


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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि पहले सफाई से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराना जनता के लिए मुमकिन था. मगर अब अब दिल्लीवासियों का कोई माई बाप नहीं है. राजधानी दिल्ली में वहीं सफाई व्यवस्था की बात की जाए तो दिल्ली में MCD के एकीकरण के बाद सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. दिल्ली में MCD भंग हो गयी है कोई भी निगम पार्षद व काउंसेलर अब काम करने को राजी नहीं है.


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तो वहीं, सफाई व्यवस्था को ध्यान में रख कर जब रोहिणी सेक्टर-16 में हमारा कैमरा पहुंचा, तो हमने पाया की MCD के अंदर आने वाले पार्कों की स्तिथि बद से बदतर होती जा रही है. पार्क में कूड़े का ढेर लगा हुआ है जिसके कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई पार्क से वंचित होता जा रहा है. पार्क में बच्चों की खिलखिलाहट और बुजुर्गों की चहल पहल से ज्यादा अब कूड़ा और उससे फैलने वाली बीमारियां है. लगातार गंदगी बढ़ रही है और पार्क में सफाई कर्मचारी महीनों से सफाई करने नहीं पहुंचे हैं.


बता दें कि ना सिर्फ रोहिणी बल्कि उसके आस-पास के इलाकों में भी सफाई व्यवस्था के हालात ठीक नहीं हैं, अमर ज्योति कॉलोनी के वार्ड नंबर 24N में भी जनता MCD के एकीकरण से परेशान है, अमर ज्योति कॉलनी वार्ड नंबर 24N की नालियों में कूड़ा भरा हुआ है, जिसके कारण जल निकासी नहीं हो पाती, वहीं बरसात का मौसम सर पर होने पर भी दिल्ली में सफाई कर्मचारियों द्वारा समय पर सफाई न होने से राजधानी में अब डेंगू व बरसात में होने वाली अन्य बिमारियों का संकट मंडराता नजर आ रहा है.


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वहीं लोगों का कहना है कि तीन ब्लॉक में एक ही कर्मचारी होने के कारण व्यवस्था डगमगा गयी है और जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं नजर नहीं आ रहा है. एमसीडी एकीकरण के बाद से दिल्ली के अंदर तीनों नगर निगम के अंदर का सेटप जस का तस है. फाइलें अपनी जगह पड़ी हुई हैं. कर्मचारियों में जिम्मेदारी को लेकर भ्रम है. मांग है कि एक टाइम बाउंड के तहत डीलिमिटेशन और चुनाव का वक्त तय किया जाए और दिल्ली के लोगों के सामने स्वरूप को स्पष्ट किया जाए


आपको बता दें कि इस पर केंद्र सरकार से मीटिंग के सवाल पर गोपाल राय ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मिलने का वक्त भी नहीं देती. अगर केंद्र सरकार ने त्वरित गति से सेल्फ नोटिस लेकर ये एक्शन लिया और दिल्ली के लोगों को मझधार में छोड़ा है तो अब दिल्ली की जनता को पार कराने की जिम्मेदारी भी उनकी ही है.


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