Delhi Air Pollution: इस सीजन में पहली बार दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया. इसी के साथ दिल्ली में हवा की क्वालिटी बद से बदद्तर होती जा रही है.  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी का AQI रविवार सुबह 5 बजे 457 रहा और इसके पड़ोसी जिले जिस जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं, उससे कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. वहीं बता दें कि रविवार को सुबह 7:30 बजे 483 AQI के साथ दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है.


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बता दें कि प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शुक्रवार और शनिवार के लिए सभी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया और आगे की पाबंदी पर फैसला सोमवार को लिया जाएगा. गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली और एनसीआर रीजन जैसे नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में अतिरिक्त प्रतिबंध पहले से ही लागू है. इसी के साथ दिल्ली में प्रदूषण का असर सोमवार को बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जाने वाले क्रिकेट विश्व कप मैच पर भी पड़ सकता है. बता दें कि दोनों टीमें दिल्ली में अपना अभ्यास सत्र रद्द कर चुकी हैं. श्रीलंका और बांग्लादेश ने दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए वेन्यू बदलने की बात कही थी, जिसको लेकर आईसीसी ने वेन्यू में बदलाव से इनकार कर दिया है.


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वहीं बता दें कि दिल्ली एनसीआर समेत सोनीपत में भी इतना ज्यादा प्रदूषण बढ़ गया है कि विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है. हालात ऐसे हैं कि सुबह और शाम के वक्त लोगों को वाहन चलाने, सांस लेने में परेशानी हो रही है. सोनीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स 455 पर पहुंच चुका था. 


रविवार को सुबह AQI 399 दर्ज किया गया है. वहीं दूसरी तरफ बढ़ता हुआ प्रदूषण लोगों के लिए खतरनाक हो रहा है और खासतौर पर सुबह के वक्त सैर करने वाले लोग शुद्ध हवा की बजाय जहरीली वायु सोंख रहे हैं. सोनीपत में आज भी पर्यावरण में वायु प्रदूषण की चादर फैली हुई है.


हर साल दीपावली के नजदीक मौसम तब्दीली के साथ-साथ पर्यावरण में भी भयंकर बदलाव देखा जाता हैं, लेकिन इस बार बेहद ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब हो रखा है. इसका सीधा असर बच्चे बुजुर्ग और अन्य वर्गों पर देखा जा रहा है. बच्चे और बुजुर्गों के फेफड़े जहरीली हवा को सोंख रहे हैं. प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, गले में खराश, बच्चों की आंखों से भी पानी टपकना, सांस लेने में समस्या उत्पन्न होना जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.