NCR के दायरे से बाहर हो पानीपत, उद्योगपतियों के फैसलों पर नजर, झेलना पड़ रहा है भारी नुकसान
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NCR के दायरे से बाहर हो पानीपत, उद्योगपतियों के फैसलों पर नजर, झेलना पड़ रहा है भारी नुकसान

एनसीआर में होने से औद्योगिक इकाइयां को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बहरहाल सरकार ने एन्हांसमेंट के मुद्दे पर जहां उद्योगपतियों को राहत देने का काम किया. पानीपत के एनसीआर में होने से औद्योगिक इकाइयां को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है

NCR के दायरे से बाहर हो पानीपत, उद्योगपतियों के फैसलों पर नजर, झेलना पड़ रहा है भारी नुकसान

राकेश भयाना/पानीपत: पानीपत में उद्योगपतियों की बैठक में एक तरफ जहां एन्हांसमेंट को लेकर सरकार से नाराजगी प्रकट कि गई तो दूसरी तरफ एन्हांसमेंट पर 75 प्रतिशत डिस्काउंट देकर धन्यवाद भी किया.  उद्योगपतियों का कहना की एन्हांसमेंट राशि नहीं बनने के बावजूद भी उद्योगपति एन्हांसमेंट की धनराशि दे रहे है.

सरकार से एन्हांसमेंट राशि जो तय हुई थी सरकार उससे दोगुनी से अधिक राशि ले रहे हैं फिर भी हम देने को तैयार है. इस बैठक में इंडस्ट्रियल एरिया में आ रही समस्याओं पर भी चर्चा की. नगर निगम कमिश्नर से मिलकर उन समस्याओं का समाधान निकालने की मांग रखेंगे. इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन के प्रधान भगवान अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने एन्हांसमेंट पर अंतिम सेटेलमेंट स्कीम निकाली है.

उन्होंने बताया कि एन्हांसमेंट की सेटलमेंट राशि 236 रुपये तय की गई है. प्रधान ने बताया कि इस राशि पर लगभग 100 रुपये का ब्याज भी लगा है. उन्होंने बताया कि एन्हांसमेंट राशि ब्याज समेत 336 रुपये देने पड़ रहे है. प्रधान ने बताया कि उद्योगपतियों पर किसी भी प्रकार की एन्हांसमेंट बनती नहीं है.

उन्होंने बताया कि 2001 में 320 रुपये एन्हांसमेंट राशि सरकार द्वारा ले ली गई थी. प्रधान ने बताया कि सरकार के द्वारा बार-बार रीकैलकुलेशन करवाने के बावजूद भी उद्योगपतियों पर 320 रुपये की एन्हांसमेंट राशि बकाया निकाल दी गई. भगवान अग्रवाल ने बताया कि इसके बावजूद भी सरकार द्वारा जजों के पैनल के तहत एक कमेटी बनाई गई जिसमे हमारी समस्या को सुना गया.

उन्होंने बताया कि कमेटी ने रीकैलकुलेशन की मांग को माना. उन्होंने बताया कि सरकार के विभाग द्वारा रीकैलकुलेशन के बाद 92 रुपये एन्हांसमेंट राशि तय हुई, जिस पर सरकार द्वारा नियुक्त की गई सीए फर्म ने भी  अनुमोदन किया था, जिसके बाद सभी उद्योगपतियों ने एक राय के साथ सरकार की इस बात को मान लिया गया था.

उन्होंने बताया कि 2020 में 100 रुपये एन्हांसमेंट राशि तय की गई थी उसके बावजूद सरकार ने 2 साल निकाल दिए. अब सरकार 236 रुपये राशि एन्हांसमेंट ले रहे हैं. प्रधान ने कहा कि 236 एन्हांसमेंट राशि कैसे सरकार द्वारा तय की गई इसकी कोई भी जानकारी नहीं दे रहा है. इस पूरे मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए कि एन्हांसमेंट राशि कैसे बढ़ गई.

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उन्होंने बताया कि बार-बार चक्कर काटने के बावजूद भी इस मामले में कोई भी बात करने को तैयार नहीं है. इसके बावजूद भी सभी उद्योगपति सरकार द्वारा तय की गई एन्हांसमेंट राशि पर सहमति बन गई है जिसे जल्दी भर दिया जाएगा. सरकार ने गलत तो किया है लेकिन उसके बावजूद भी एन्हांसमेंट राशि पर 75% राशि माफ कर मुख्यमंत्री, सांसद संजय भाटिया, विधायक महिपाल ढांडा, प्रमोद विज व RSS प्रान्त प्रचारक राजेश गोयल का धन्यवाद करते हैं.

उन्होंने बताया कि व्यापारियों व सरकार एन्हांसमेंट को लेकर आमने-सामने थे उस पर विराम लग गया है. वहीं उन्होंने कहा कि जिन उद्योगपतियों ने पहले से एन्हांसमेंट राशि भर दी थी उनके साथ नाइंसाफी हो रही है. जिसे सरकार माफ नहीं कर रही है. प्रधान ने कहा कि सरकार के द्वारा समय देने के बाद बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा.

उन्होंने बताया कि जिन उद्योगपतियों ने एन्हांसमेंट नहीं भरा है उनके लिए एक अच्छी स्कीम है. पानीपत को एनसीआर में शामिल करने पर श्री भगवान अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है, जिस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार ने करना है. केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की बैठक में चर्चा होगी.

उन्होंने कहा कि उसके बाद अगर केंद्र सरकार मान लेती है तो यह पानीपत के उद्योगपतियों के लिए अच्छा होगा, लेकिन हमारी मांगे की हमें एनसीआर से बाहर किया जाए. क्योंकि एनसीआर में होने से औद्योगिक इकाइयां को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बहरहाल सरकार ने एन्हांसमेंट के मुद्दे पर जहां उद्योगपतियों को राहत देने का काम किया. वही एक बार फिर से आए एनसीआर को लेकर उद्योगपति पुरजोर मांग पर है कि पानीपत को एनसीआर से बाहर किया जाए.

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