Delhi News: दिल्ली की गर्मी में आग जलाकर बारिश के लिए बाबा कर रहे हैं तपस्या
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Delhi News: दिल्ली की गर्मी में आग जलाकर बारिश के लिए बाबा कर रहे हैं तपस्या

Delhi News: बाबा की तपस्या सवा महीना की होती है. गर्मियों में 7 मई से शुरू होकर 16 जून यानी 41 दिनों तक चलती है. समापन वाले दिन इलाके में भंडारा किया जाता है. बाबा 12बजे के करीब तपस्या शुरू करते हैं. कम से कम सवा दो घंटे और अधिक से अधिक सवा पांच घंटे तक ध्यान में रहते हैं.

Delhi News: दिल्ली की गर्मी में आग जलाकर बारिश के लिए बाबा कर रहे हैं तपस्या

Delhi News: दिल्ली में इन दिनों जहां पारा 45 पार कर चुका है. वहीं, अलीपुर के माजरा मोड़ के पास एक बाबा गर्मी में अग्नि के बीच में तपस्या करते हैं. हर साल अग्नि के बीच में तपस्या करने वाले बाबा अबकी बार 11 अग्नि के धुनों के बीच में तपस्या कर रहे हैं. ये तपस्या लगातार 41 दिन तक चलेगी. इसके अलावा सर्दियों में यमुना के बीच खड़े होकर ठंडे जल की धारा के नीचे बैठकर करते हैं ठंडी जलधारा में बैठकर तपस्या करते हैं. इस चिलचिलाती गर्मी में यह बाबा अपने आराध्य को खुश करने के लिए आग के धुनों के बीच में बैठकर तपस्या करते हैं. इनकी मान्यता है कि भगवान के नाम पर ये अपने शरीर को जितना कष्ट देंगे भगवान उतने ही ज्यादा इनसे खुश होंगे.

 

गर्मी में आग जालकर बाबा की तपस्या
बाबा की तपस्या सवा महीना की होती है. गर्मियों में 7 मई से शुरू होकर 16 जून यानी 41 दिनों तक चलती है. समापन वाले दिन इलाके में भंडारा किया जाता है. बाबा 12बजे के करीब तपस्या शुरू करते हैं. कम से कम सवा दो घंटे और अधिक से अधिक सवा पांच घंटे तक ध्यान में रहते हैं. इस भीषण गर्मी में जहां तापमान 45 से 48 डिग्री तक रह रहा है. वहीं, बाबा अनिलनाथ चारों तरफ से अग्नि के बीच में बैठे हैं. इस गर्मी में कुछ देर बिना पंखा, कूलर और AC के बिना रहना मुश्किल है. वहीं, बाबा लगातार अग्नि के बीच बारिश के लिए तप कर रहे है.

 

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जगत कल्याम के लिए तपस्या
जगत कल्याण की भावना को ध्यान में रख कर ये तपस्या किया जाता है. बाबा का दावा है कि आजतक उनकी तबीयत खराब नहीं हुई है. सिर्फ गर्मी ही नहीं बाबा योगी अनिल नाथ ठंड के दिनों में भी कड़ी तपस्या करते हैं. यमुना नदी में खड़ा होकर रात में तपस्या करते हैं. बाबा का कहना है कि वैसे तो इस बार मिला के 33 साल से इस तपस्या को करते आए हैं लेकिन, 20 साल से दिल्ली अकबरपुर माजरा गांव में तपस्या करते आ रहे है. ध्यान में बैठेने से पहले जलती हुई हवन कुंड की भस्म अपने शरीर के हर हिस्से में मलते हैं फिर अग्नि तपस्या में बैठ जाते हैं. बाबा अपने अपने चारों ओर 11धूनी लगाते हैं. फिर धुनी के बीचों-बीच बैठकर तपस्या करने लगते हैं. बाबा का कहना है जगत कल्याण के लिए तपस्या करते है. आज तक उनकी तबीयत खराब नहीं हुई है.

INPUT- Raju Raj

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