Delhi News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने एक उद्घोषित अपराधी ओमी को लूट मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले में उसे उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था. वह थाना रंजीत नगर, दिल्ली का हिस्ट्रीशीटर है व वह पूर्व में 12 अपराधिक मामलों में भी संलिप्त था. अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पिछले 6 वर्षों से देहरादून, उत्तराखंड में छिपा हुआ था.


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30 जुलाई 2014 को शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह अपने चचेरे भाई के साथ शादीपुर फ्लाईओवर, दिल्ली की ओर जा रहा था. इस बीच आरोपी ओमी ने अपने दो सहयोगियों विकास व दीपक के साथ शिकायतकर्ता से 7500 रुपये और 2 मोबाइल फोन व एक अन्य व्यक्ति से 400 रुपये लूट लिए और मौके से फरार हो गए. इस संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया गया. जांच के दौरान, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.


इस मामले में आरोपी ओमी को जमानत मिलने के बाद उसने निर्धारित समय पर जेल अधिकारियों के सामने समर्पण नहीं किया व परिणामस्वरूप उसे दिनांक 9 मई 2019 को माननीय न्यायालय द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया था.


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी ओमी, जोकि दिल्ली के लूट के मामले में वांछित है. वह देहरादून, उत्तराखंड में छिपा हुआ है. अगर समय पर कार्रवाई की जाये तो उसे वहां से पकड़ा जा सकता है.


फरार आरोपी को पकड़ने के लिए उपायुक्त अमित गोयल द्वारा सहायक आयुक्त रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में व निरीक्षक सतेन्द्र और निरीक्षक महिपाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें उप-निरीक्षक सुरेंद्र, उप-निरीक्षक अंकित, उप-निरीक्षक गौरव, सहायक उप-निरीक्षक यतंदर मलिक, प्रधान सिपाही नवीन, प्रधान सिपाही सुनील, प्रधान सिपाही तरुण, प्रधान सिपाही विनोद और प्रधान सिपाही नितेश शामिल थे.


मिली सूचना के अनुसार टीम द्वारा देहरादून, उत्तराखंड के क्षेत्र में जाल बिछाया गया और आरोपी ओमी को सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया. उसने थाना रंजीत नगर, दिल्ली में हुई लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. पूछताछ के दौरान, आरोपी ओमी ने खुलासा किया कि वह ''ढोल'' बजाने में माहिर है. शादियों और पार्टियों के दौरान वह इलाके के बुरे तत्वों के संपर्क में आया और अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में शामिल हो गया. उसने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2001 में उसे थाना पटेल नगर, दिल्ली के स्नैचिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था.


जेल अवधि के दौरान वह अन्य लुटेरों के साथ संपर्क में आया और अपराधों को अंजाम देने लगा. उसने थाना रंजीत नगर, दिल्ली में हुई लूट के मामले में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. इस मामले में जमानत मिलने के बाद उसने खुद को छिपाने के लिए दिल्ली से देहरादून जाने का फैसला किया. वह अदालत की कार्रवाई से बच रहा था परिणामस्वरुप उसे उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया.


Input: Raj Kumar Bhati