Delhi News: दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते दिल्ली के' याचिका पर SC ने LG ऑफिस को जारी किया नोटिस
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2001579

Delhi News: दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते दिल्ली के' याचिका पर SC ने LG ऑफिस को जारी किया नोटिस

Delhi News:  दिल्ली सरकार का कहना है कि करीब एक साल से पेमेंट न होने के चलते ये स्कीम निष्प्रभावी हो गई है. याचिका में इस स्कीम के अमल में बाधा आ रहे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है. आज दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.

Delhi News: दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते दिल्ली के' याचिका पर SC ने LG ऑफिस को जारी किया नोटिस

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की एक याचिका पर LG ऑफिस को नोटिस जारी किया. दिल्ली सरकार ने  याचिका दायर कर 'फरिश्ते दिल्ली के' नाम वाली अपनी स्कीम के लिए फंड रिलीज करने की मांग की है. इस स्कीम के तहत दिल्ली सरकार सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराती है. कोर्ट ने एलजी ऑफिस के साथ-साथ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य  सेवा महानिदेशालय  स्वास्थय और परिवार कल्याण विभाग के सचिव और डॉक्टर नूतन मुड़ेजा को भी नोटिस जारी किया है.

दिल्ली सरकार का कहना है कि करीब एक साल से पेमेंट न होने के चलते ये स्कीम निष्प्रभावी हो गई है. याचिका में इस स्कीम के अमल में बाधा आ रहे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है. आज दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. सिंघवी ने दलील दी कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि घायल लोगों के इलाज के लिए लाई गई स्कीम को लेकर भी अधिकारियों का ये रवैया है. अभी तक 23 हजार केस इस स्कीम के तहत कवर हुए हैं. दिल्ली सरकार अधिकारियों को लगातार हॉस्पिटल को पेमेंट करने के लिए लिखती रहती है, लेकिन वो पेमेंट नहीं कर रहे.

ये भी पढ़ें: Haryana: अशोक तंवर बोले- घोषणा मुख्यमंत्री बनकर रह गए है सीएम मनोहर लाल

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने एलजी ऑफिस और बाकी को नोटिस जारी करते हुए मामला शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई के लिए लगा दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी भी की कि ये समझ से परे है कि क्यों सरकार के दो धड़े आपस में यूं लड़ते रहते है.

'फरिश्ते दिल्ली के' दिल्ली सरकार की जनकल्याणकारी योजना है, जिसके तहत सड़क दुघर्टना में घायल शख्श की नजदीक के सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त और कैशलेस इलाज की व्यवस्था की गई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत अभी तक 23 हजार लोगों को इलाज मिल चुका है, लेकिन पिछले एक साल से हॉस्पिटल को पेमेंट न मिलने के चलते ये स्कीम निष्प्रभावी हो गई है. याचिका के मुताबिक 42 निजी अस्पतालों का 7.17 करोड़ का पेमेंट बकाया है. हॉस्पिटल का पेमेंट बकाया होने के चलते वो घायल लोगों को भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मौखिक, लिखित निर्देशों के बावजूद अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. याचिका में दिल्ली सरकार के आदेशों को धता बताने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है.

दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र का नियंत्रण होने के चलते दिल्ली सरकार ऐसे अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ है. केवल  एलजी ही अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एलजी को इस बारे में लिखा भी है पर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.

 

Trending news