Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण का कहर थमने के नाम नहीं ले रहा है. बीते कई दिनों से लगातार प्रदूषण की मोटी चादर और खराब वायु गुणवत्ता ने दिल्ली के लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. इन मुश्किलों के दौर में सरकार तमाम राजनीतिक दलों द्वारा समाधान के बजाय आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हुआ.


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आरोप-प्रत्यारोप ऐसे थे कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भी इससे बचने के लिए कहना पड़ा, जहां पहले पराली को बड़ा संकट बताया जा रहा था. वहीं बाद में दिवाली में आतिशबाजी प्रदूषण का कारण बनी और अब जब पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही हैं, ऐसा सरकारें कोर्ट में बता रही हैं. 


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वहीं कृषि वैज्ञानिकों का भी कहना है कि ये सच में कम होती जाएंगी, क्योंकि अब नयी फसल का समय आ गया है तो वहीं छठ महापर्व के बाद त्योहारों का भी दौर खत्म हो गया, फिर भी ये प्रदूषण थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा ये सवाल हमारे साथ-साथ शायद सबके मन में आया होगा. हमने इस पर कुछ खोजबीन की और ग्राउंड पर पड़ताल भी कि अब भी प्रदूषण का कारण क्या है तो दो बातें समझ में आई कि फिलहाल जो मुख्य कारक है.


पहला कारण दिल्ली का रोड ट्रैफिक है, इसलिए क्योंकि वाहनों का संचालन दिल्ली में बहुत ज्यादा है. लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों से ज्यादा व्यक्तिगत संसाधनों का प्रयोग करते हैं. ये एक बड़ा कारण जिसका शायद ही स्थायी समाधान अब इस भौतिक युग में असंभव सा दिखता है.


आइये अब दूसरे महत्वपूर्ण कारण की चर्चा करते हैं. हमने बीते एक सप्ताह में दिल्ली के सभी स्टेशन का AQI के आकड़ों पर नजर डाली तो नजर गई कि दिल्ली के वो इलाके, जो प्रदूषण के ‘हॉटस्पॉट’ है और जहां प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष प्रबंध की बात की जा रही थी. उनका AQI दिल्ली के ओवरऑल AQI से बहुत ज्यादा था. बीते दिनों में CPCB के आकड़ों के मुताबिक़ यदि दिल्ली का एवरेज AQI बहुत खराब श्रेणी में रहा तो इन हॉटस्पॉट का AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज हुआ. हम इन बढ़ते हुए आकड़ों के कारणों की पड़ताल करने दिल्ली के कुछ हॉटस्पॉट इलाकों में पहुंचे.


हम इन तीनों इलाकों में गए तो समझ में आया कि आंकड़ों की तरह ही इन इलाकों के जमीनी हालात ठीक नहीं थे. उत्तरदायी संस्थाएं किस तरह से काम कर रही हैं. ये आप तस्वीरों में देख सकते हैं और कहीं न कहीं ये हॉटस्पॉट दिल्ली का दम घोट रहे ये कहना भी गलत नहीं होगा. वैसे कल रात में जब बारिश हुई तो सरकार, प्रशासन के साथ ही दिल्ली के लोगों को उम्मीद थी कि बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन अभी तक ऐसा दिखा नहीं. 


आकड़ों में कुछ गिरावट तो आई, लेकिन इन हॉटस्पॉट इलाकों में आज भी AQI गंभीर श्रेणी में ही दर्ज हुआ. शायद अभी भी समय है कि सरकार और प्रशासन को जनहित में फैंसले लेते हुए कड़े कदम उठाने पड़ेंगे और उनका अनुपालन भी सुनिश्चित करना पड़ेगा नहीं तो अगर स्तिथि यही रही तो देश की राजधानी प्रदूषण का पर्याय बन जाएगी.