Jain Community: देशभर में सोमवार को धूमधाम से बकरीद मनाई गई. इस दौरान कुछ स्थानों पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी की गई. एक ओर सोशल मीडिया पर राम लिखे बकरे की कुर्बानी की तैयारी का वीडियो वायरल हुआ तो वहीं लोनी (गाजियाबाद) के विधायक नंदकिशोर गुर्जर की अपील पर भी बवाल हुआ. उन्होंने बकरीद पर बकरे की कुर्बानी न करने की अपील मुस्लिम समुदाय से की थी. इस बीच बेजुबान जानवरों की जान बचाने के लिए पुरानी दिल्ली में जैन समाज ने एक साहसिक और सराहनीय कदम उठाया. जैन समाज के लोग मुसलमान की वेशभूषा में मार्केट पहुंचे और 125 बकरे खरीद डाले.


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पहले मंडियों में घूमकर लिया जायजा 


दरअसल हर साल बकरीद पर लाखों बकरों की कु्र्बानी दी जाती है. इस  बार पुरानी दिल्ली के जैन समुदाय के लोगों ने फैसला लिया कि जितना संभव हो सकेगा, वह कुर्बान होने से बकरों को बचाएंगे. 15 जून को जैन समुदाय के 25 लोगों की एक टीम बनाई गई. जैन समुदाय ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया और बेजुबानों की जान बचाने के लिए लोगों से आर्थिक मदद मांगी.


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इस अपील के बाद लोगों ने दिल खोलकर दान देना शुरू कर दिया और इस तरह जैन समुदाय ने 15 लाख रुपये जुटा लिए. इसके बाद उनकी प्लानिंग का अगला हिस्सा शुरू हुआ. टीम ने उन इलाकों का दौरा किया, जहां बकरे बेचे जा रहे थे.


विवाद से बचने के लिए कपड़े बदले 


16 जून को जैन समुदाय के लोग मीना बाजार, मटिया महल, जामा मस्जिद और चितली कबर समेत कई मंडियों में पहुंचे और 124 बकरे खरीद लिए. खरीदार लोगों के बीच घुलमिल जाएं और किसी भी वाद विवाद से बचने के लिए टीम के लोगों ने मुसलमानों की तरह कपड़े पहने थे. औसतन 10 हजार रुपये में एक बकरा खरीदा गया. इन बकरों को धर्मपुर इलाके में स्थित नया जैन मंदिर में लाया गया. इसके बाद चांदनी चौक में रहने वाले जैन बकरा दर्शन के लिए मंदिर पहुंचने लगे. कई लोगों ने बकरों के चारे के लिए भी दान दिया.