Delhi News: जवाहरलाल नेहरू कैंपस में स्टूडेंट यूनियन सहित बाकि छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रशासन द्वारा आर्थिक जुर्माने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अप्रैल के महीने में शिप्रा हॉस्टल में एक विवाद के बाद जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट आईसी घोष को दोषी साबित करते हुए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा अन्य 7 स्टूडेंट पर भी जुर्माना लगाया गया है. 


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प्रशासन द्वारा उस नोटिस के जारी होते हीं लेफ्ट छात्र संगठन में काफी रोष देखने को मिल रहा है. लेफ्ट छात्र संगठन एक तरफ अप्रैल के महीने में प्रशासन द्वारा रात को एक से 3 बजकर 30 मिनट तक किए गए जांच को गलत बता रही है. इसके साथ हीं जिन आरोपों के लिए इन सभी स्टूडेंट को आर्थिक दंड दिया गया है. उसे छात्र अपने आप को छात्र सिरे से नकार रहे हैं. 


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इन सभी के विरोध में जेएनएसयू की प्रेसिडेंट सहित तमाम लेफ्ट समर्थक छात्र शुक्रवार की रात शिप्रा हॉस्टल के वार्डन के घर के बाहर जमके प्रदर्शन किया. उनकी मांग थी कि इनके ऊपर लगे सभी जुर्माने को रद्द किया जाएं. छात्रों पर जो आरोप लगे हैं उसे बातचीत करके इसका निपटारा किया जाए. लेकिन काफी देर तक प्रदर्शन के बाद भी वार्डन के तरफ से ना तो कोई जवाब आया ना ही कोई मिलने आया, लिहाजा प्रदर्शन कर रहे हैं सभी छात्र वहां से निकलने से पहले बताया की जेएनयू कैंपस के यह छात्र उस पूरे विवाद को ऐसे ही खत्म नहीं करेंगे या तो जुर्माने की राशि को वापस किया जाए वरना छात्रों का यह प्रदर्शन और भी बड़ा होगा. इस पूरे मामले में आईसी घोष ने कहा कि वह जुर्माने की राशि को किसी कीमत पर नहीं जमा करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोर्ट का ही रास्ता क्यों न अपना न पड़े. जे एन एस यु प्रेजिडेंट आई सी घोष ने जे एन यु प्रशासन को लगाए गए जुर्माने को सोमवार तक निरस्त करने का अल्टीमेटम दिया है.


आपको बता दें जे एन यु प्रशासन ने शिप्रा हॉस्टल के वार्डन से बदसूलीकी का आरोप लगाते हुए जेएनएसयु प्रेजिडेंट आई सी घोष समेत कूल आठ छात्रों पर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है और चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी कोई अनुशाशनहिंता पाई जाती है तो निष्काशन भी किया जा सकता है.


Input: Mukesh Singh