Delhi News: दिल्ली के इस शख्स का मानना है कि चाहे खुद का जन्मदिन हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन उनके लिए हर एक दिन उल्लास भर होता है और उल्लास के मौके पर वह खुशी-खुशी अपने हाथों से बेजुबान जानवरों की सेवा करते हैं मानव का एकमात्र धर्म यह भी है कि वह बेजुबान जानवरों की सेवा करें.
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Delhi News: तिमारपुर विधानसभा में एक मुस्लिम शख्स गौवंश को हर रोज अपने हाथों से रोटियां खिलाते हैं. सड़क पर घूमने वाली आवारा गाय करती हैं. बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है हर रोज की तरह यह मुस्लिम शख्स प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर आज भी सड़क पर घूमने वाली भूखी गायों को अपने हाथों से रोटी खिलाने के लिए पहुंचा जिसे देख कर लोग हैरान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन आज देशभर में बड़ी ही हर्षोल्लाह से मनाया गया. इस दौरान दिल्ली के तिमारपुर इलाके में प्रधानमंत्री के जन्मदिन को लोगों ने सेवा के रूप में मनाया. तस्वीर में जिस शख्स को आप देख रहे हैं उसका नाम इम्तियाज अहमद जो मुस्लिम समाज से हैं और पिछले कई सालों से गायों को रोटी खिलाते आ रहे हैं.
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उनका कहना है कि सेवा का कोई रूप नहीं होता, कोई धर्म नहीं होता, सेवा का मतलब सिर्फ और सिर्फ सेवा होती है, इमतियाज अहमद ने बताया कि वैसे तो वो समय-समय पर अधिकांश रूप से गायों को रोटी खिलाने का कार्य करते रहते हैं परंतु खास मौके पर तो वो और तन्मयता से सेवा कार्य करते हैं. मुस्लिम समाज के इस इम्तियाज नाम के शख्स ने बताया कि उनकी शादी की सालगिरह हो या उनका खुद का जन्मदिन वो गायों को रोटी खिला कर सेवा का मौका नहीं छोड़ते.
उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए आज का दिन भी बहुत खास है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और उनका जन्मदिन पूरा देश सेवा पखवाड़े के रूप में मनाएगा और इसी कड़ी में आज हम भी हर बार की तरह गायों की रोटियां खिलाकर सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं. आपको बता दें आज प्रधानमंत्री के मौके पर भाजपा पार्टी के सभी कार्यकर्ता अलग-अलग जगह झुंड बनाकर फोटोग्राफी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को बना रहे हैं.
लेकिन, सख्स का मानना है कि चाहे खुद का जन्मदिन हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन उनके लिए हर एक दिन उल्लास भर होता है और उल्लास के मौके पर वह खुशी-खुशी अपने हाथों से बेजुबान जानवरों की सेवा करते हैं मानव का एकमात्र धर्म यह भी है कि वह बेजुबान जानवरों की सेवा करें.
(इनपुट- नसीम अहमद)