Delhi News: बुराड़ी इलाके में फर्जी प्लॉटिंग का शिकार हुए लोग, घरों के बाहर लगे डिमोलिशन के नोटिस
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Delhi News: बुराड़ी इलाके में फर्जी प्लॉटिंग का शिकार हुए लोग, घरों के बाहर लगे डिमोलिशन के नोटिस

Delhi News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में डिमोलिशन के नोटिस लगाए गए हैं. इससे स्थानीय लोगों के होस उड़ गए हैं. वो लोग 40 साल से ज्यादा समय से यहां रह रहे हैं. अब उनके घरों को तोड़ने के ऑर्डर आए हैं.

Delhi News: बुराड़ी इलाके में फर्जी प्लॉटिंग का शिकार हुए लोग, घरों के बाहर लगे डिमोलिशन के नोटिस

Delhi News: बुराड़ी इलाके के झड़ौदा पार्ट-2 के रिहायसी इलाके में डिमोलिशन के नोटिस लागए गए हैं. इससे स्थानिय लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. स्थानीय लोगों का कहना कि वह एक लंबे समय से झड़ौदा पार्ट 2 में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना पहले कोई नोटिस नहीं मिला. 4 दिन पहले झड़ौदा पार्ट 2 इलाके में नोटिस चिपकाए गए और डिमोलिशन के ऑर्डर दे दिए गए. स्थानीय निगम पार्षद एडवोकेट गगन चौधरी ने कोर्ट में अपील की कि डिमोलिशन की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए.

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बुराड़ी की झड़ौदा इलाके में लोगों की आंखों की नींद जब उड़ी तब लोगों उन घरों में डिमोलिशन के नॉटिस लगे देखे, जिनमें वह पिछले करीब 40 साल से ज्यादा समय बिता चुके हैं. अब उन घरों को तोड़ने के कोर्ट ने आर्डर जारी हो चुके हैं. जगह-जगह नोटिस चिपकाए गए हैं, जिसके बाद स्थानीय लोग अब चिंतित हैं. जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह जमीन देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान से आये एक शख्स को सरकार ने दी थी और उसने बोने-खाने के लिए किसी किसान को दी, लेकिन किसान द्वारा जमीन पर लगाई गई फसलों कि कॉस्ट फर्द में चढ़ाई गई और फर्जी तरीके से इस जमीन पर प्लॉटिंग कर दी गई, जिसके बाद जमीन मालिक ने कोर्ट में अपील की और जमीन को रिकवर करने की मांग की. सन 2022 में जमीन मालिक ने केस जीत लिया. इसके बाद अब इस जमीन को खाली करने के लिए डिमोलिशन के नॉटिस जगह-जगह चिपकाए गए, जिसकी वजह से अब स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.

आपको बता दें कि इस मामले में स्थानीय निगम पार्षद एडवोकेट गगन चौधरी ने दिल्ली उच्य न्यायालय में अपील की है कि यहां डिमोलिशन नहीं किया जाए, क्योंकि यह एक रिहायशी इलाका है, जिसमें घनी आबाद में लाखों लोग रह हे हैं. यहां खाली जमीन नहीं बल्कि गरीब लोगों ने जिंदगीभर की जमा पूंजी लगाकर प्लाट खरीदकर मकान बनाए हैं, जिनमे वह रह रहे हैं. यदि डिमोलिशन यहां किया जाता है तो एक बड़ी मुसीबत स्थानिय लोगों के सामने खड़ी हो हो जाएगी. इस जमीन की पूर्णता जांच की जाए. आपको बता दें कि गगनदीप चौधरी ने बताया कि खसरा नंबर 28/8/1, 28/19/1, 28/22/1, 29/1/2, 29/2 और 29/4 उन्होंने डिमोलिशन जैसी कार्रवाई न करने की अपील की है.

फिलहाल यह देखने वाली बात होगी कि झड़ौदा पार्ट 2 के इस रिहायसी इलाके में सरकारी पीला पंजा चलता है या नहीं, लेकिन यह बात जरूर है कि यहां रहने वाले लोग अपनी जिंदगीभर की जमा पूंजी लगाकर इस जमीन पर प्लॉट लेकर रह रहे हैं.

Input: Nasim Ahmad