Delhi News: दिल्ली में लगने वाली अलग-अलग इलाकों में आग पर तो फायर कर्मियों की टीम सूझबूझ से और समय पर बुझाकर न केवल लाखों करोड़ों का सामान जलने से बचाती है. बल्कि लोगों की और बेजुबानों की भी जान बचाती है. ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन इलाके में. जहां 2 दिन से फंसे एक डॉग को फायर कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू करके उसकी जान बचाई.


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इसके लिए 3 घंटे से ज्यादा समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया. ड्रिल मशीन मंगाई गई, रेस्क्यू रिस्पांडर गाड़ी मंगाया गया और सीमेंट के मोटे स्लैब को जगह-जगह से काट करके फिर रास्ता बनाया गया और उसके अंदर फंसे डॉग को बाहर निकाल गया. मौके से मिली जानकारी के अनुसार, यह कुत्ता रविवार को सड़क के साथ बने नाले के ऊपर सीमेंट के स्लैब में दूसरे हिस्से से घुस गया था.


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लेकिन, 10 से 11 फीट अंदर जाने के बाद वह उसी के अंदर फंस गया. पीछे वापस आने की जगह भी नहीं थी और आगे कचरे की वजह से रास्ता बंद था. किसी सब्जी वाले ने देखा, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया. कल सोमवार को जब किसी दूसरे शख्स को डॉग की आवाज कु-कू की सुनाई पड़ी तो उसने फिर फोन उठाकर फायर कंट्रोल रूम को सूचना दे दी.


मौके पर सफदरजंग फायर स्टेशन से और उसके साथ नेहरू प्लेस से रेस्क्यू रिस्पोंडर गाड़ी को लेकर फायरकर्मी पहुंचे. पहले फावड़ा से मिट्टी हटाने की कोशिश की गई, जब उसमें सफलता नहीं मिली तो फिर ड्रिल मशीन से सीमेंट की मोटी परत को काटना शुरू किया और फिर डॉग को उसके अंदर से सकुशल जब बाहर निकाला तो लोगों ने तालियां बजाकर फायर कर्मियों की हौसला अफजाई किया.


फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग का कहना है कि फायर ब्रिगेड की टीम के लिए हर कॉल महत्वपूर्ण होता है, हर जान महत्वपूर्ण है, चाहे वह बेजुबान की हो चाहे इंसान की. जब भी कहीं पर आग लगती है, तो कोशिश रहती है कि तुरंत आग बुझाने के साथ-साथ उस जगह पर फंसे हुए लोगों की जान को पहले बचाई जाए. ठीक इसी तरह कोई बेजुबान जब नाले में या फिर पेड़ की ऊंचाई पर फंस जाता है, तो उसी सूझबूझ से फायर कर्मियों की टीम रेस्क्यू करके उनकी जान बचाती है.


(इनपुटः मुकेश सिंह)