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नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम अपने राजस्व के स्त्रोतों के संवर्धन की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है. तात्कालिक दक्षिणी निगम ने रेस्टोरेंट से सटे खुली जगहों और छतों पर भोजन परोसने की अनुमति प्रदान करने की नीति लागू की थी. इस नीति को निगम की एकीकृत नीति के अंतर्गत तात्कालिक उत्तरी और पूर्वी निगम में भी लागू किया गया है. निगम की इस नीति को रेस्त्रां मालिकों ने हाथों-हाथ अपना लिया और निगम के जन स्वास्थ्य विभाग ने खुले में भोजन परोसने के 138 और छतों पर भोजन परोसने के 57 लाइसेंस जारी किए, जिससे निगम को लगभग 5.44 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है. इस नीति से आम जनता को भी लाभ प्राप्त हुआ है और अब वो भी खुले में प्रकृति के साथ भोजन का आनंद ले सकते हैं.
90 वर्ग मीटर से कम जगह के लिए एनओसी की जरुरत नहीं
दिल्ली नगर निगम की नीति के अनुसार रेस्त्रां मालिकों को निम्न शर्तों का अनुपालन करने पर खुले में भोजन परोसने की अनुमति प्रदान की जाएगी, आवेदक के पास खुली जगह या छत का कानूनी कब्जा प्राप्त हो,अग्निशमन विभाग की एनओसी (किंतु भूतल एवं ऊपर के स्तरों पर अगर कोई खुली जगह 90 वर्ग मीटर से कम है तो एनओसी की आवश्यकता नहीं), खुले स्थान पर खाने की जगह किसी भी तरह से पैदल चलने के मार्ग में अवरोध उत्पन्न न करे,अग्नि बचाव दल के इस्तेमाल की खुली जगह पर भोजन परोसने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा खुले स्थान पर रसोई या खाना भोजन पकाने की अनुमति नहीं होगी.
वर्ग फुट के हिसाब से होगी रेजिस्ट्रेशन फीस
दिल्ली नगर निगम रेस्त्रां के खुले स्थान/ छत/ आंशिक छत क्षेत्र के लिए रु.200/- प्रति वर्ग फुट की दर से वार्षिक लाइसेंस शुल्क लेगा. स्टार होटल (4 स्टार और उससे ऊपर) के मामले में वार्षिक लाइसेंस शुल्क 500/-रुपए प्रति वर्ग फुट होगा.
राजस्व के साथ-साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा- MCD
दिल्ली नगर निगम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. दिल्ली नगर निगम की यह नीति राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने और नौकरियों के सृजन में मदद करेगी. इसके साथ ही नागरिक भी खुले में भोजन का आनंद ले रहे हैं.