Delhi: क्राइम ब्रांच की एक टीम ने आरोपी प्रदीप सिंह 23 वर्ष, निवासी ग्राम नगला परमल का रहने वाला था, जिसे क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है. आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ई-एफआईआर नंबर 000610/2023, यू/एस 380/457 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया है. आरोपी शख्स के कब्जे से 40 मोबाइल फोन और एक घड़ी बरामद की गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम पीएस गाजीपुर, दिल्ली के एक चोरी के मामले पर काम कर रही थी, जहां से 40 से अधिक मोबाइल फोन और स्मार्ट घड़ी चोरी हुई थी. उस मामले में 15 मोबाइल फोन का विवरण बताया गया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डेटा के विश्लेषण के दौरान पता चला कि एक कूरियर ब्वॉय ने फर्जी तरीके से सारा सामान चुरा लिया है. तकनीकी निगरानी के दौरान उपरोक्त मामले में चोरी हुए 01 मोबाइल फोन की लोकेशन आगरा, उत्तर प्रदेश में पाया गया था. अपराधी को पकड़ने के लिए डीसीपी अंकित सिंह द्वारा एसीपी नरेश सोलंकी की निगरानी में टीम आगरा, उत्तर प्रदेश पहुंची और कई प्रयासों और कड़ी मेहनत के बाद एक संदिग्ध प्रदीप सिंह, 23 वर्ष नगला परमल का रहने वाले निवासी को उत्तर प्रदेश से पकड़ लिया गया. निरंतर पूछताछ के दौरान, उसने ई-एफआईआर संख्या 000610/2023, यू/एस 380/457 आईपीसी, पीएस गाजीपुर, दिल्ली में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया.


ये भी पढ़ें: IND vs SA Test Series: 26 दिसंबर को क्यों कहा जाता है बॉक्सिंग डे मुकाबला, इसी दिन शुरू हो रहा है भारत और साउथ अफ्रीका का मुकाबला


उस व्यक्ति के कब्जे से 15 मोबाइल फोन (एप्पल और वन प्लस निर्मित) बरामद हुए, जो चोरी के थे और एफआईआर में उल्लेखित थे. इसके अलावा, उसकी निशानदेही पर उसके घर से 25 मोबाइल फोन और एक एप्पल घड़ी बरामद की गई.


जांच के दौरान पता चला कि 23 साल का आरोपी प्रदीप सिंह कूरियर कंपनी में नौकरी पाने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करता है. एक बार जब उसके कार्य क्षेत्र की पुष्टि कूरियर कंपनी द्वारा कर ली जाती है. तो वह फर्जी नाम और पते से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का ऑर्डर देता था और जब सामान उसे डिलीवरी के लिए प्राप्त होता था, तो वह सामान लेकर भाग जाता था. खुद को सुरक्षित करने के बाद वह इन मोबाइल फोन को आगे बाजार में बेच देता था. इस कार्यप्रणाली का उपयोग करके उसने अच्छी खासी कमाई की है.
Input: raj kumar bhati