दिल्ली पुलिस ने छापेमारी कर भलस्वा डेरी थाना इलाके के जनता विहार के एक घर से 10 नाबालिग बच्चियों को छुड़ाया है. इस घर में प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर बच्चियों को बेचने का काम किया जाता था. वहीं सामाजिक संस्था का आरोप है कि उन्होंने खुद से जानकारी जुटाकर नाबालिग बच्चियों को छुड़ाया और इतने बड़े मामले का खुलासा किया है.
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नीरज शर्मा/नई दिल्ली: भलस्वा डेरी थाना इलाके के मुकुंदपुर में एनसीपीसीआर (NCPCR) और बचपन बचाओ आंदोलन (BBA) के साथ दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर भलस्वा डेरी थाना इलाके के जनता विहार के एक घर से 10 नाबालिग बच्चियों को छुड़ाया गया. यहां पर प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर बच्चियों को बेचने का गोरखधंधा किया जाता था. पुलिस ने इस दौरान प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाला मालिक को गिरफ्तार किया.
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देश की राजधानी दिल्ली में नाबालिग लड़कियों को बेचने का गोरखधंधा अभी भी तेजी से फल-फूल रहा है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली के भलस्वा डेरी थाना इलाके की जनता विहार से सामने आया है, जहां एक घर में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने के नाम पर नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त की जा रही थी. बचपन बचाओ आंदोलन नमक सामाजिक संस्था को इस बात की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस और एनसीपीसीआर की टीम के साथ उस घर में छापेमारी की, जहां प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर नाबालिग लड़कियों को बेचने का गोरखधंधा चलाया जा रहा था.
छापेमारी के दौरान 10 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया, जिन्हें यहां अमानवीय हालत में रखा गया था. प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले आरोपी के अनुसार 3 साल से कृष्ण जयंती के नाम पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त का गोरखधंधा चला रहा है.
हालांकि छापा मारने वाली सामाजिक संस्था का आरोप है कि जब उन्होंने खुद से जानकारी जुटाकर नाबालिग बच्चियों को छुड़ाया और इतने बड़े मामले का खुलासा किया. उसके बावजूद भी दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है. कई घंटों बाद भी दिल्ली पुलिस इन बच्चों का मेडिकल कराने के लिए नहीं ले गई, जो कहीं न कहीं मिलीभगत की तरफ भी इशारा करता है.
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