Trending Photos
DelhI Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता फिर से खराब हो गई है, जिसके कारण GRAP-3 को लागू किया गया है. यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया, जिसमें पहले से लागू GRAP-2 के नियमों को बनाए रखने की बात कही गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि GRAP-4 के तहत दी गई राहत जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे. उन्होंने GRAP-3 के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. यह कदम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, ताकि नागरिकों को बेहतर वायु गुणवत्ता मिल सके.
GRAP-3 की पाबंदियां
GRAP-3 के अंतर्गत कई गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसमें धूल उत्पन्न करने वाली सीएंडडी गतिविधियां, बोरिंग और ड्रिलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य और सड़क निर्माण गतिविधियां शामिल हैं. इसके अलावा, निर्माण सामग्री के स्थानांतरण और कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है.
ये भी पढ़ें: Delhi Air Pollution: दिल्ली में फिर पैर पसारने लगा प्रदूषण, 350 के करीब पहुंचा AQI
GRAP-3 के नए नियम
नए नियमों के अनुसार, बीएस-3 मानक या उससे नीचे के मीडियम गुड्स वाहन अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे. हालांकि, आवश्यक सामान लाने वाले वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है. इसके अलावा, एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, लेकिन इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को छूट दी गई है.
GRAP-3 के तहत नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे कम दूरी के लिए साइकिल का उपयोग करें या पैदल चलें. इसके अलावा, कार पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की भी सिफारिश की गई है. यदि संभव हो, तो वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुनने की सलाह दी गई है.
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 का कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार करना है. यह नियम न केवल नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है.