Delhi Rape Case: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक पद पर नियुक्त बलात्कार के आरोपी अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है. 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया है कि अधिकारी ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया और जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपी की पत्नी ने उसे कुछ गोलियां खिला दी, जिससे उसका गर्भपात हो गया. मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.


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मामले में दिल्ली महिला आयोग ने जांच शुरू की है. आयोग ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग को सूचित किया गया है कि आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के संबंध में पहले भी चार शिकायतें दर्ज की गई थी. यह पता चला है कि तीन शिकायतें तीन अलग-अलग महिलाओं द्वारा दी गईं, जबकि चौथी शिकायत गुमनाम थी. तीनों शिकायतकर्ताओं ने माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.


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बताया गया है कि एक आवेदन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निस्तारित कर दिया गया था जबकि शेष दो अभी भी वहां लंबित हैं. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को संबोधित अपनी सिफारिशों में, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने आरोपी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है क्योंकि उस पर एक नाबालिग लड़की के खिलाफ बलात्कार के संगीन अपराध का आरोप लगाया गया है.


उन्होंने यह भी सिफारिश की है कि सरकार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत एक नई मजबूत आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना चाहिए, जिसमें लैंगिक मुद्दों पर काम करने वाले प्रमुख गैर सरकारी संगठनों के और अधिक बाहरी विशेषज्ञ शामिल हो. यह समिति दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की सभी लंबित शिकायतों की जांच करे और अपनी रिपोर्ट सरकार के साथ-साथ दिल्ली महिला आयोग को तत्काल सौंपे.


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उन्होंने आगे कहा कि साथ ही सरकार को ऐसे अधिकारियों की सूची बनानी चाहिए, जिनके खिलाफ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले लंबित हैं और इसकी तत्काल जांच की जानी चाहिए. आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि ऐसे सभी अधिकारियों का एक डेटाबेस बनाया जाना चाहिए, जिनके खिलाफ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं (अभी लंबित या अतीत में कभी भी) और इसमें शिकायत की स्थिति (चाहे दोषी ठहराया गया हो, लंबित हो, निपटाया गया हो) सभी की जानकारी होनी चाहिए.


स्वाति ने आगे कहा कि इस डेटा बेस को दिल्ली महिला आयोग के साथ भी साझा किया जाना चाहिए. इन सभी पिछली और लंबित शिकायतों की वरिष्ठतम अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा फिर से जांच की जानी चाहिए और प्रत्येक अधिकारी पर निर्णय लिया जाना चाहिए कि क्या संबंधित व्यक्ति महिला और बाल विकास, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग और अन्य विभाग जहां उनकी बड़े पैमाने पर महिलाओं और लड़कियों तक पहुंच हो सकती है, जैसे संवेदनशील विभाग में तैनात होने के लिए उपयुक्त है या नहीं.


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उन सभी अधिकारियों का यह डेटाबेस, जिनके खिलाफ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं, सरकार द्वारा बनाए रखा जाना चाहिए और इसे प्रत्येक मामले में लिए गए निर्णय के साथ दिल्ली महिला आयोग के साथ नियमित रूप से साझा किया जाना चाहिए.


दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आरोपी पर एक नाबालिग लड़की के साथ कई बार बलात्कार करने का गंभीर आरोप है. यह तथ्य कि अन्य महिलाओं ने भी आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति ने उनके कार्यस्थल पर उनका यौन उत्पीड़न किया था, सरकार के भीतर उसके आचरण पर गंभीर सवाल उठाता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी एक सिलसिलेवार अपराधी हो सकता है और महिला एवं बाल विकास जैसे संवेदनशील विभाग में तैनात होने के कारण बड़े पैमाने पर महिलाओं और बच्चों तक उसकी पहुंच की कल्पना करना डरावना है.



उन्होंने आगे कहा कि आरोपी को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण और शिक्षा विभाग जैसे संवेदनशील विभागों में कोई भी दागी अधिकारी तैनात न हो. मुझे उम्मीद है कि सरकार हमारी सिफारिशों पर विचार करेगी और मामले में तत्काल और आवश्यक कार्रवाई करेगी.


(इनपुटः बलराम पांडेय)