कोर्ट के सामने रखे रिकॉर्ड से साफ है कि हिंदुओं को मारने और उनकी संपति को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश रची गई थी. आरोपियों द्वारा घटना का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध न होने की दलील दी गई, लेकिन भीड़ ने सीसीटीवी को भी तोड़ डाला था. ऐसे में ये कोई ऐसी दलील नहीं है कि जिसके चलते जांच के दौरान आरोपियों के खिलाफ मिले दूसरे सबूतों को नजरअंदाज कर दिया जाए.
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नई दिल्लीः दिल्ली दंगों के दौरान IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन और 10 बाकी लोगों के खिलाफ आरोप तय किये है. कोर्ट ने इन सब के खिलाफ आइपीसी की धारा 147, 148, 153A, 302, 120B के तहत आरोप तय किए है. कोर्ट ने ताहिर हुसैन और बाकी के खिलाफ आरोप तय करने के फैसले में कहा कि ताहिर हुसैन के घर पर हथियारों और पेट्रोल बम से लैस भीड़ मौजूद थी.
उन्होंने कहा कि montain dew की बोतलों में पेट्रोल भरकर ताहिर के घर ले जाया गया. भीड़ में मौजूद हर शख्स का मकसद हिंदुओं को मारना, उन्हें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने पर आमादा था. ताहिर हुसैन खुद भीड़ को हिंदुओं को मारने, हिंदुओं का न छोड़ने के लिए लगातार उकसा रहा था. उसने भीड़ को तब भी उकसाया, जब अंकित शर्मा भीड़ के सामने आ गया. इसी भीड़ में कुछ लोगों ने अंकित शर्मा की जान ले ली.
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उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के सामने रखे रिकॉर्ड से साफ है कि हिंदुओं को मारने और उनकी संपति को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश रची गई थी. आरोपियों द्वारा घटना का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध न होने की दलील दी गई, लेकिन भीड़ ने सीसीटीवी को भी तोड़ डाला था. ऐसे में ये कोई ऐसी दलील नहीं है कि जिसके चलते जांच के दौरान आरोपियों के खिलाफ मिले दूसरे सबूतों को नजरअंदाज कर दिया जाए.
(इनपुटः असाइमेंट)