दिल्ली में सड़क हादसे कम करने के लिए ये कदम उठाना तुरंत जरूरी, रिसर्च से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
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दिल्ली में सड़क हादसे कम करने के लिए ये कदम उठाना तुरंत जरूरी, रिसर्च से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

हेलमेट पहनने के पीछे उद्देश्य सड़क दुर्घटना होने पर सिर का बचाव करने से है. महिला हो या पुरुष, मजबूत हेलमेट लगाना चाहिए. कई बार सड़क दुर्घटना में सिर में क्लॉट तक आ जाता है, जिसकी वजह से ब्रेन हेमरेज आदि होने का खतरा रहता है और ऑन स्पॉट मौत तक के मामले देखने को मिलते है.

दिल्ली में सड़क हादसे कम करने के लिए ये कदम उठाना तुरंत जरूरी, रिसर्च से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने सड़क सुरक्षा अध्ययन करने के लिए जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की इंटरनेशनल इंजरी प्रिवेंशन यूनिट एंड CSIR की केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) के साथ मिलकर एक अध्ययन किया. इसके बाद अब दिल्ली में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सड़क सुरक्षा पहलुओं की निगरानी करेंगे.

दिल्ली सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह यातायात नियमों को सख्ती से लागू करेगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. दिल्ली सरकार ने 225 ऑब्जर्वेशन सेंशन और 20250 मिनट के ऑब्जर्वेशन के साथ 15 स्थानों पर ऑब्जर्वेशन स्टडी की. इस स्टडी में दो पहिया वाहनों के लिए हेलमेट पहनने, चार पहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाने और तेज गति से चलने वाले वाहनों के आंकड़ों को देखा गया.

स्टडी के बाद तीन मुख्य बिंदु

पहलाः- हेलमेट क्लैस्पिंग नियम को तत्काल लागू करने की जरूरत है.

दूसराः- पिछली सीट के यात्रियों के लिए सीट-बेल्ट लागू करने और वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

तीसराः- ट्रकों और हल्के पिकअप ट्रकों के लिए तत्काल गति प्रवर्तन आवश्यक है.

आंकड़ों के अनुसार दुर्घटनाओं के पीछे ओवर स्पीडिंग सबसे प्रमुख कारण बताया गया है. वाहन चालक चौड़ी सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते हैं और ज्यादातर एक्सीडेंट में हेलमेट न पहनने के कारण लोगों की जान चली जाती है.

दिल्ली में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते है

- स्कूल, मेट्रो स्टेशन और व्यवसायिक एरिया में सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. यहां पैदल यात्री सड़कों से अधिक गुजरते हैं.

- स्टडी के अनुसार 87 फीसदी मोटरसाइकिल चालकों को हेलमेट पहने देखा गया पर 66 फीसदी चालक सही तरीके से हेलमेट पहने दिखे

- 94 फीसदी चालकों को पूरी तरह हेलमेट का उपयोग करते पाया गया, जबकि 29% सिर्फ नकली हेलमेट या हल्के हेलमेट का उपयोग करते है.

- हर दूसरी मोटरसाइकिल ओवर स्पीड है, लगभग 50 फीसदी हल्के ट्रक, कार, ऑटो और ट्रक ओवर स्पीड चल रहे हैं.

- चार पहिया वाहन चालकों में से 65 फीसदी सीट-बेल्ट का उपयोग करते पाए गए.

- 85 फीसदी चालक सीट-बेल्ट पहनकर वाहन चलाते हैं.

- पीछे की सीट वाले यात्री (1 फीसदी) से आगे की सीट वाले यात्रियों में सीट-बेल्ट पहनने का अनुपात (74 फीसदी) अधिक पाया गया.

- पांच साल से कम उम्र के 14 फीसदी और 5 से 11 साल के 3 फीसदी बच्चों को सुरक्षा उपायों का उपयोग करते पाया गया.

- स्पीड स्टडी में 98,294 वाहनों को शामिल किया गया और पाया गया कि लगभग 21 फीसदी वाहन निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से चल रहे हैं.

- अधिकांश कारें शहर के अंदर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं और करीब 8.5 फीसद कारें, 10.2 फीसदी लाइट पिकअप ट्रक 80 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से चलती हैं.

दिल्ली में जगह-जगह सड़क किनारे हेलमेट बिक रहे है. टोपीनुमा हेलमेट करीब 100 से 200 रुपये के बीच मिल रहा है.  ज्यादातर लोग इसे ही तरजीह दे रहे हैं. जो सिर्फ चालान से बचाते है जान नहीं! इस पर ISI का होलमार्क भी नहीं लगा होता. कई लोग ऐसे भी मिले हैं, जिनके हेलमेट के पीछे नकली होलमार्क लगा होता है. मथुरा रोड पर सड़क किनारे हेलमेट बेचने वाले कई साल से हेलमेट बेच रहे हैं. दिनभर में पहले एक या दो हेलमेट बिकते थे, लेकिन अब चार से पांच हेलमेट प्रतिदिन बिकते हैं. लोग सस्ते हेलमेट को ज्यादा तरजीह देते हैं.

ज्यादातर लोग दो तरह का हेलमेट रखते हैं. एक जिसकी गुणवत्ता काफी बेहतर होती है और दूसरा हेलमेट टोपीनुमा या सामान्य कमजोर सा, जिसका इस्तेमाल दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाला करता है, जबकि दोनों ही वाहन सवार को बेहतर और मजबूत हेलमेट पहनना चाहिए. उनके यहां भी 300 रुपये तक के हेलमेट की मांग ज्यादा रहती है. ISI  होलमार्क वाला मजबूत हेलमेट की कीमत 400 रुपये से शुरूआत होती है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा पारित एक अधिसूचना में कहा गया था कि सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित होने चाहिए. यदि आप बिना बीआईएस और ISI  मार्का हेलमेट पहले वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो चालान कट सकता है. मोटर वाहन अधिनियम, 1998 के नवीनतम अपडेट के अनुसार, अनुचित तरीके से हेलमेट पहनने वाले दोपहिया सवारों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

यदि आप बैंड, बकल, पट्टी के साथ हेलमेट बिना बांधे पहनते हैं, तो आपसे 1,000 रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा जाएगा. यदि आपके हेलमेट में बीएसआई (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन नहीं है, तो आपको 1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है. नए नियमों में दोपहिया वाहनों पर चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी नियम शामिल किया गया हैं. बच्चों को हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए और सवारों को उनके लिए हार्नेस बेल्ट का उपयोग करना चाहिए.

इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति बच्चे के साथ दोपहिया वाहन चलाता है तो उसे अपनी अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से उपर नहीं ले जाना चाहिए. यदि इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो आपको 1,000 रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा जाएगा और आपका ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. स्कूटी या बाइक सवार महिलाएं अक्सर कमजोर और छोटे हेलमेट पहने दिखाई देती हैं.

इन हेलमेट से उनके पूरे सिर को कवर नहीं किया जा सकता. हेलमेट पहनने के पीछे उद्देश्य सड़क दुर्घटना होने पर सिर का बचाव करने से है. महिला हो या पुरुष, मजबूत हेलमेट लगाना चाहिए. कई बार सड़क दुर्घटना में सिर में क्लॉट तक आ जाता है, जिसकी वजह से ब्रेन हेमरेज आदि होने का खतरा रहता है और ऑन स्पॉट मौत तक के मामले देखने को मिलते है.

(इनपुटः पीयूष तिवारी)