नई दिल्ली: आप के वरिष्ट नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने प्रेसवार्ता की.जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक्ट बनाया उसमें कोल आवंटन को लेकर यह नियम था कि 26 फीसदी हिस्सेदारी प्राइवेट कंपनियों की होगी और 74 फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकारों की, लेकिन राजस्थान में अडानी को लेकर यह नियम उल्टे कर दिए गए. 74 फ़ीसदी हिस्सेदारी अडानी की दो कंपनियों को दे दी गई और 26 फीसदी हिस्सेदारी राजस्थान सरकार.



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संजय सिंह ने कहा कि आप लोगों ने कोयला घोटाला सुना होगा, 2G और 3G का घोटाला सुना होगा इसके अलावा जीजा जी का घोटाला सुना होगा, लेकिन आज मैं अडानी जी घोटाला उजागर करने जा रहा हूं और हर आरोप का दस्तावेज आपके सामने रखूंगा. सुप्रीम कोर्ट के कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द करने बीजेपी ने कहा था की कोयला घोटाला कर कांग्रेस ने देश के मुंह पर कालिख पोतने का काम किया गया, लेकिन अब मोदी सरकार ने कोयला आवंटन को लेकर कानून बनाया. 26 प्रतिशत प्राइवेट कंपनियों को ज्वाइंट वेंचर के रूप में शामिल किया जा सकता है और 74 प्रतिशत राज्य सरकार का अधिकार होगा.


दस्तावेज दिखाते हुए संजय सिंह ने कहा साफ देख सकते है कि दो खदाने पारसा और कांता का आवंटन रद्द करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया, लेकिन मोदी जी की कृपा से इन दोनो खदानों का आवंटन रद्द नहीं हुआ क्योंकि इन दोनो खदानों को अडानी चला रहे थे.एक लाख करोड़ का कोयला अडानी को सौंप दिया गया और बिजली महंगी होने की वजह ये कोयला घोटाला है.


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साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि जो कोयला राजस्थान ने रिजेक्ट कर दिया. उसे अडानी को अपनी कंपनी में इस्तेमाल करने के लिए दे दिया गया और दोनो खदानों का 25 प्रतिशत कोयला अडानी को इस्तेमाल करने की छूट दे दी गई. संजय सिंह ने कहा कि ये मेहरबानी मोदीजी की है.


आप नेता संजय सिंह ने बताया कि 2007 और 2008 में ये खदाने राजस्थान सरकार को मिली थी, जिससे कि इन खदानों से कोयला निकालकर बिजली उत्पादन कर सके. इन्ही खदानों से अडानी कोयला निकालकर राजस्थान सरकार को 2300 रुपये प्रति टन में दिया. वहीं कोल इंडिया ने राजस्थान सरकार को 2000 रुपये प्रति टन में दिया. अब सोचिए राजस्थान सरकार की ही खदान और उसी को कोयला कोल इंडिया से भी महंगा दिया. जबकि केंद्र सरकार ने जो एक्ट बनाया वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करने के लिए बनाया, लेकिन खुदी अडानी के लिए खुलेआम एक्ट की अवहेलना की


कर्नाटक में एम्टा खदान काम कर रही थी. उसने भी इस तरह का काम किया था तो उसके खिलाफ केंद्र की जांच एजेंसियां लगा दी गई. Ed तक लगाई गई, लेकिन अडानी के खिलाफ कुछ नहीं हुआ जबकि करीब 50 हजार करोड़ का फायदा अडानी को कोल ब्लॉक के जरिये पहुंचाया गया.


इसको लेकर संजय सिहं ने कहा कि मैं  CBIऔर ED को पत्र लिखूंगा और सारे सबूत भी दूंगा और सदन में भी इस मुद्दे को उठाऊंगा जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जाऊंग. हर एक मौके पर इस मुद्दे को मैं उठाऊंगा.