नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) की सीबीआई जांच (CBI Investigation) की मांग लेकर दायर याचिका दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने भी याचिका को पब्लिसिटी के लिए दायर याचिका बताते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया. जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा है कि याचिकाकर्ता का इस केस से कोई सम्बंध नहीं है.


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याचिका का मकसद पब्लिसिटी हासिल करने से ज्यादा और कुछ नहीं है. पुलिस अपनी जांच कर ही रही है. हम बेवजह उस पर शक क्यों करें. हमे नहीं लगता कि कोर्ट की जांच की निगरानी की ज़रूरत है.


Delhi Police की दलील
सुनवाई के दिल्ली पुलिस ने जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की अर्जी का विरोध किया. पुलिस ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम जांच कर रही है. 80 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है, जनहित याचिका के जरिये तय नहीं हो सकता कि जांच कौन सी एजेंसी करें.


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याचिका में पुलिस पर आरोप
कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली पुलिस जांच से जुड़ी हर संवेदनशील जानकारी मीडिया को लीक कर रही है, जिसके चलते सबूतों के बरामदगी वाली जगह पर लोगों/ मीडियाकर्मियों को आवाजाही जारी है. मीडिया ट्रायल शुरू हो चुका है, जिसके चलते इस मामले में जांच में बाधा पड़ रही है.


'6 महीने बाद पुलिस के लिए सबूत जुटाना मुश्किल'
याचिका में कहा गया था कि इस मर्डर केस को छह महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. मर्डर दिल्ली में हुआ था और श्रद्धा के शरीर के टुकड़े अलग-अलग जगहों पर फेंके गए. ऐसे में फिलहाल जांच कर रही महरौली थाना पुलिस के पास इतना स्टाफ और वैज्ञानिक उपकरण नहीं है, जिनके जरिये वो इतने वक्त बाद इस मामले के पर्दाफाश के लिए अहम सबूत और गवाह जुटा सके.