Demolition News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके के सुशांत बिहार एक्सटेंशन कॉलोनी के कई घरों पर मंडराया डेमोलेशन का खतरा.  सुशांत विहार एक्सटेंशन की करीब 9 गलियों में रहने वाले लोगों को डीडीए (DDA) द्वारा नोटिस दिया गया है. डीडीए के नोटिस में डेमोलेशन करने की लिखी गई चेतावनी है. करीब 20 साल पुरानी कॉलोनी को तोड़ने के लिए नोटिस देने पर स्थानीय निगम पार्षद और विधायक संजीव झा द्वारा डीडीए की कार्यशैली पर उठाए गए सवाल कहा खाली पड़ी ग्राम सभा की जमीनों को रिकवर करने के बजाए गरीब लोगों को परेशान करने का डीडीए द्वारा किया जा रहा है काम.


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राजधानी दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा में लोगो को अपने आशियाने के खोने के डर के साए में जीने को मजबूर है. क्योंकि लोगों के पास डीडीए द्वारा डेमोलेशन का नोटिस भेजा जा रहा है, जो कॉलोनी 20 सालों से बसी हुई है. यहां लोग रह रहे हैं बिजली सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी लोगों को दी गई, लेकिन अब डीडीए को इस कॉलोनी में नोटिस भेजने की याद आ गई. बुराड़ी विधानसभा के सुशांत विहार एक्सटेंशन कॉलोनी जिसमें लोग 20-22 सालों से रह रहे हैं.


यहां लोगों ने अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई जुटाकर 25-50 गज प्लॉट खरीदा और इसी तरह से उस प्लॉट में घर बना कर अपने लिए आशियाने का इंतजाम किया. उसी घर को तोड़ने का नोटिस जब से आया है तब से लोगों की रातों की नींद उड़ चुकी है और गले के नीचे रोटी का एक निवाला नहीं उतर रहा है क्योंकि लोग चिंता में एक की लोगों को उनके घर से हाथ न धोना पड़े. इस बात की जानकारी जैसे ही स्थानीय विधायक और निगम पार्षद को मिली वह लोगों के बीच पहुंचे और आश्वासन दिया.


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उन्होंने कहा कि डीडीए के अधिकारियों से कॉलोनी वासी की तरफ से वह खुद बातचीत करेंगे और एक भी मकान की एक भी टूटने नहीं दी जाएगी. स्थानीय विधायक संजीव झा ने कहा कि यह कॉलोनी वासियों की लड़ाई नहीं बल्कि उनकी और उनकी पार्टी की लड़ाई लोगों ने उन्हें वोट दिया और भरोसा किया पर अब उस भरोसे पर खरा उतरने का वक्त आया तो वह कॉलोनी वासियों के साथ हर कदम पर खड़े रहेंगे.


स्थानीय निगम पार्षद द्वारा यह सवाल उठाया गया कि डीडीए पहले खाली पड़ी हुई ग्राम सभा की जमीनों को अपने अंडर में क्यों नहीं लेती. भू माफियाओं को उन जमीनों पर कब्जा करने का मौका क्यों दिया जा रहा है. बुराड़ी इलाके में ही अच्छी खासी ग्राम सभा की जमीन खाली पड़ी हुई है, जिस पर पार्क कम्युनिटी सेंटर स्कूल या अन्य योजनाएं लाई जा सकती है, लेकिन इन जमीनों पर ध्यान देने की वजह है. डीडीए लोगों को परेशान करने के लिए पिछले 20 सालों से बसी हुई कॉलोनियों को उजाड़ने के नोटिस दे रही है. निगम पार्षद और विधायक दोनों का ही कहना है कि वह डेमोलेशन के नाम पर किसी भी मकान की 1 मिनट तक नहीं टूटने देंगे.


आपको बता दें कि सभी कॉलोनी में इन दिनों हलचल मची हुई है. जब से लोगों ने इस नोटिस को देखा है. लोग रात भर सो नहीं पाए हर कोई चिंता के मारे परेशान है. लोगों का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए वह डीडीए को यहां डेमोलेशन नहीं करने देंगे. सवाल तो यह भी खड़ा होता है कि जिस वक्त कॉलोनियां बनाई जाती है गरीब अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगाकर प्लॉट खरीदते हैं. उस समय संबंधित विभागों को नोटिस देने या कॉलोनियों को कटने से रोकने की याद क्यों नहीं आती.


(इनपुटः नसीम अहमद)