ED बीजेपी सहयोगी की तरह काम कर रही है: प्रियंका कक्कड़
वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड UCC पर बीजेपी भ्रामकता फैला रही है. UCC पहले ही गोवा में लागू है. अब वो उत्तराखंड में इसे लागू करके एक राज्य तक समेट रहे हैं, जबकि ये पूरे देश में लागू होने की बात कही थी.
ईडी के द्वारा आज सुबह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए के यहां आज ईडी ने रेड की. ईडी की इस रेड के बाद मानों सियासत में भूचाल आ गया है. एक तरफ आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. तो वहीं पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के सचिव हरीश खुराना ने कैबिनेट मिनिस्टर आतिशी के बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि आप ईडी के सवालों का जवाब तो दे नहीं रहे है.
वहीं उन्होंने आगे कहा कि ईडी की कार्यवाही कानून के तहत हो रही है. अगर उनको लगता है कि ईडी के द्वारा करवाई गलत हो रही है तो वह कोर्ट क्यों नहीं जाते. उनको पता है कि कोर्ट के तहत यह कार्रवाई की जा रही है और अभी तक मनीष सिसोदिया संजय सिंह को जमानत क्यों नहीं मिली हमारी न्याय प्रणाली स्वतंत्र है और हमें अपनी न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है.
वहीं अब इसके बाद आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी पर हमला बोला और कहा कि पूरा शराब घोटाला बायानों पर आधारित है और अब गवाह भी ईडी पर आरोप लगा रहे है. वहीं कोर्ट ने कहा कि हर बयान वीडियो और ऑडियो निगरानी में होगा. ED ने 3 फरवरी 2024 को एक आरोपी देखा कि, ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग के उलट ED ने बयान जमा किया. तो आरोपी ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा. हैरानी की बात तो यह है कि जब वीडियो कोर्ट के सामने रखे गए तो उसमें ऑडियो ही गायब थी. इसके बाद कोर्ट ने ED को फटकार लगाई.
ED ऐसा क्यों कर रही है सवाल ये है?. ED किसे बचाना चाह रही है और झूठे बयानों पर आप को क्यों फंसाना चाहती है. ED बीजेपी सहयोगी की तरह काम कर रही है. वहीं उन्होंने मीनाक्षी लेखी के आरोपों पर हमने कोर्ट में चैलेंज किया है, जो कि ऑडियो वीडियो के लिए है. ऑडियो डिलीट के आप के बयानों पर ED द्वारा कोर्ट अप्रोच करने पर हमने पहले ही कोर्ट में चैलेंज किया है. ईडी ने मीडिया में बयान देने के बजाए कोर्ट में अपना जवाब दे तो ज्यादा बेहतर होगा.
वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड UCC पर बीजेपी भ्रामकता फैला रही है. UCC पहले ही गोवा में लागू है. अब वो उत्तराखंड में इसे लागू करके एक राज्य तक समेट रहे हैं, जबकि ये पूरे देश में लागू होने की बात कही थी.