Faridabad Manjhawali Bridge: ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर बनने वाला मंझावली पुल इन दिनों काफी चर्चा में है, वजह है हाल ही में बिहार के भागलपुर में गिरा पुल. जी हां बिहार के भागलपुर में गिरने वाले पुल को जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था वही कंपनी फरीदाबाद में पिछले 9 साल से मंझावली पुल को बना रही है. पुल आधा बनकर तैयार होने के बाद लोड टेस्टिंग के दौरान दो बार फेल हो चुका, जिसके बाद अब विपक्ष मंझावली पुल के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है. 


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हरियाणा के फरीदाबाद में ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर मंझावली पुल बनाया जा रहा है. नितिन गड़करी ने 9 साल पहले महज डेढ़ साल में इसकी शुरुआत की बात कही थी, लेकिन पिछले 9 साल से अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया. लोड टेस्टिंग के दौरान ये पुल दो बार फेल हो चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि टेस्ट करते हुए इसके पिलर चटक गए थे. यही नहीं कई मजदूरों के हाथ-पैर टूट गए, गंभीर चोटें आईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मजदूरों का इलाज कराके मामले को रफा-दफा कर दिया गया. 


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पुल को बनाने के लिए खराब क्वालिटी के मटेरियल का इस्तेमाल किया गया, यही वजह है कि लोड टेस्टिंग के दौरान करीब 150 पिलर में दरार आ गई और पुल चटक गया. बाद में जिन पिलर में दरार आई थी, उन्हें बदला गया. इस घटना को लगभग 2 साल पूरे हो चुके हैं, पुल के आस-पास अभी भी पुराने पिलर का मलबा पड़ा हुआ है. 


दिवाली तक पुल के तैयार होने का दावा
मंझावली पुल का पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, अब कनेक्टिविटी का काम चल रहा है. वन विभाग की तरफ से एनओसी नहीं मिलने की वजह से थोड़ा समय लग रहा था. अब फॉरेस्ट विभाग की तरफ से एनओसी मिल  चुकी है, जिसके बाद पेड़ कटने का काम शुरू हो चुका है. 4 महीने में गाड़ियां यहां से आ जा सकेंगी. इस बात का भी दावा किया गया है कि दिवाली तक पुल की दोनों लाइने शुरू हो जाएंगी.


विपक्ष का आरोप
बिहार के भागलपुर में लगभग 1717 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा पुल अचानक से भरभरा कर गिर गया. मंझावली पुल भी दो बार लोड टेस्टिंग के दौरान फेल हो चुका है, दोनों पुल को बनाने की जिम्मेदारी एक ही कंस्ट्रक्शन कंपनी के हाथ में है, ऐसे में अब विपक्ष पुल के निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वहीं स्थानीय लोग भी इस चिंता में हैं कि कहीं बनने के बाद ये पुल लोगों के लिए मौत का पुल न बन जाए. 


लागत पर भी सवाल
कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ ही इस पुल की लागत और नक्शा भी सवालों के घेरे में है. दरअसल, विपक्ष ने सवाल उठाए हैं कि आधा बनने के बाद फिर से पुल का नक्शा क्यों बदला गया. इसके साथ ही पिछले 9 साल में इस पुल पर बजट का लगभग दोगुना खर्च किया जा चुका है.


सरकार की जिम्मेदारी
मंझावली पुल पर उठ रहे सवालों के बीच अब इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. पुल को शुरू करने से पहले इसका  लोड टेस्टिंग पास करना जरूरी है, वरना यहां भी बिहार की तरह हादसा हो सकता है. 


Input- Amit Chaudhary