कुरुक्षेत्र/अंबाला: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर हैं. सरकार को उनके वादे याद दिलाने के लिए किसान दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा के भारी बंदोबस्त की वजह से अभी किसान बॉर्डर पार नहीं कर पाए हैं. अभी हाल ही में हरियाणा-पंजाब की सीमा से लगते खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी, जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच को टाल दिया था, लेकिन बॉर्डर पर प्रदर्शनों, किसानों की आंदोलन के लिए की गई तैयारियों और खुलेआम सरकार को उनकी चुनौती को देखते हुए आगामी दिनों में हालात बिगड़ सकते हैं. 


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कुरुक्षेत्र में हाईवे से लगती सर्विस लेन खोली




हालांकि चुनाव के मद्देनजर बीजेपी सरकार बहुत साढ़े हुए कदमों के साथ आगे बढ़ रही हैं. वह किसी भी सूरत में किसानों के पिछले आंदोलन जैसी स्थिति को रोकने में जुटी हैं. सरकार पर बार-बार लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लग रहा है. इस बीच सोमवार को कुरुक्षेत्र में प्रशासन ने शाहाबाद में नेशनल हाईवे 44 के साथ लगती सर्विस लाइन को खोल दिया जेसीबी की मदद से बोल्डर हटा दिए गए. 


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चंडीगढ़ जाने के लिए इस मार्ग का करें इस्तेमाल 
दरअसल किसान आंदोलन के चलते पिछले कई दिनों से शाहाबाद में हाईवे से लगती सर्विस लाइन को कंक्रीट से पक्का सील कर दिया गया था. बड़े-बड़े बैरिकेड्स रखने से आम आदमी की आवाजाही बंद हो गई थी. ट्रैफिक पुलिसके मुताबिक नेशनल हाईवे के साथ लगती सर्विस लाइन को सभी के लिए खोल दिया है. जो चंडीगढ़ जाना चाहते हैं वो शाहाबाद से वाया साहा होते हुए जा सकते हैं. इसके अलावा जो किसान गन्ने की ट्रालियां लेकर आते थे वह भी गांव ठोल वगैरह से होते हुए शाहाबाद की शुगर मिल जा सकते हैं.


किसानों ने फूंका सरकार का पुतला 
इधर शम्भू बार्डर पर किसान जत्थों ने WTO को लेकर कॉर्पोरेट घरानों  और सरकार का पुतला जलाया. किसानों का कहना है कि MSP पर सरकार ने वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया जा रहा है. WTO के कारण महंगाई की मार पूरा देश झेल रहा है. किसानों ने नारेबाजी करते हुए सरकार को सीधी चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि अगर सरकार सोच रही है कि उन्होंने किसानों को रोक लिया है तो सरकार का यह वहम वह निकालेंगे.


एक किसान ने तो इतना कह दिया कि अगर पुलिस और सरकार ये समझती है कि एक किसान की मौत से हम पीछे हैट गए तो बता दें ऐसे सैकड़ों किसान मरने के लिए तैयार हैं. किसानों ने पुलिस को भी चुनौती देते हुए कहा कि अगर दो-दो हाथ करना हो तो वर्दी के बिना आएं. 


इनपुट: दर्शन कैत/अमन कपूर