एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की बात पर सरकार पीछे हट चुकी है, जिसके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा 31 जुलाई को देशभर में सभी नेशनल हाईवे को जाम करने का फैसला लिया गया है,
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस, तो लिया लेकिन अभी तक एमएसपी के लिए कमेटी का गठन नहीं किया गया है. इस बात से रोष प्रकट करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा आगामी 31 जुलाई को देशभर में सभी नेशनल हाईवे को जाम करने का फैसला लिया गया है, जिसका समर्थन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा सोनीपत की और से भी नेशनल हाईवे 44 मुरथल टोल प्लाजा और खरखोदा टोल प्लाजा को पूर्ण रुप से बंद करने का ऐलान किया गया है.
बैठक के बाद किया गया फैसला
संयुक्त किसान मोर्चा सोनीपत की जिला कमेटी की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया. 31 जुलाई को नेशनल हाईवे 44 टोल प्लाजा मुरथल और खरखोदा टोल प्लाजा पर पूर्ण रूप से चक्का जाम रहेगा. इस दौरान सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक किसी भी वाहन को नहीं जाने दिया जाएगा.
देशभर के किसानों को किया जाएगा संगठित
कमेटी के पदाधिकारियों के द्वारा बताया गया कि एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की बात 9 दिसंबर को हुई थी की कमेटी बनाकर इस पर निर्णय किया जाएगा. लेकिन सरकार अब इस विषय पर पीछे हट चुकी है. इसलिए आगामी 31 जुलाई को देशभर में सभी नेशनल हाईवे को जाम करने का फैसला लिया गया है. किसान मोर्चे के द्वारा 18 जुलाई से बैठक करके किसानों को संगठित करने का अभियान शुरू किया जाएगा.
किसानों के गुनहगारों को सजा
हरियाणा के खेदड़ में पुलिस और किसानों की बीच झड़प में एक किसान की मौत हो गई थी. किसान मोर्चे की मांग है कि मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और जिन लोगों की वजह से यह कार्रवाई हुई है उनको सजा मिले. साथ ही लखीमपुर खीरी मामले में भी अभी तक अजय कुमार टेनी को पद से नहीं हटाने जाने पर किसानों में नाराजगी है. अगर सरकार किसानों की सभी मांगों को पूरा नहीं करती, तो आगामी दिनों में एक बार फिर देश का अन्नदाता सड़कों पर उतर सकता है.
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